‘अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित, चार नई पहलों की लॉचिंग
शिमला – नितिश पठानियां
अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ (International Day for Disaster Risk Reduction – IDDRR) के अवसर पर आज गेयटी थिएटर के बहुउद्देशीय सभागार में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। मुख्यातिथि ने पद्म देव कॉम्प्लेक्स में आयोजित विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी का शुभारंभ और अवलोकन भी किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि आज आपदा प्राकृतिक से कहीं अधिक इंसानों की वजह से आ रही है। हम प्रकृति का दोहन नियमों को ताक पर रखकर कर रहे है। नदी नालों के रास्तों में घरों को बना रहे है। भूकंप और आपदा रोधी भवन प्रणाली को हम अपना ही नहीं रहे है। आज दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से भी आपदाओं का दौर बढ़ रहा है। लेकिन इंसानों का हस्तक्षेप दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। हमें प्रकृति प्रेमी व्यवहार विकसित करना होगा।
उन्होंने कहा कि हर साल प्रदेश में आपदाएं हो रही हैं। भूस्खलन, बाढ़, भूकंप की घटनाएं प्रदेश में बढ़ रही है। हर साल मानसून के दौरान भारी वर्षा से बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने प्रदेश की 3645 पंचायतों में पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किए है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एएफडी के माध्यम से अगले पांच वर्षों के लिए लगभग 892 करोड़ रुपए का डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड प्रिपेयर्डनेस प्रोजेक्ट बनाया है। यह प्रोजेक्ट आपदाओं से निपटने और उनकी प्रभावशीलता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रदेश सरकार आपदा न्यूनीकरण के लिए विश्व बैंक के माध्यम से 2650 करोड़ रुपए की लागत से रेडी एचपी नाम की परियोजना शुरू करने जा रहा है। इस परियोजना से प्रदेश की आधारभूत संरचना के पुनर्निर्माण और लोगों की आजीविका के संसाधनों को विकसित करना और आपदा प्रबंधन में मदद करना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की आम जनता को सुरक्षित निर्माण तकनीकों, जलवायु संवेदनशील योजना जैसी नवीन पहलों को अपनाना होगा। युवाओं और महिलाओं, आपदा मित्रों जैसे सामुदायिक स्वयंसेवकों की भूमिका के माध्यम से अपनी सहभागिता बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर अपने संसाधनों को सुरक्षित रख सकते है और हिमाचल को आपदा तैयार राज्य बनाकर पेश करेंगे।
मुख्यातिथि को शॉल टोपी पहनाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा, उप महापौर नगर निगम उमा कौशल,नगर निगम आयुक्त भूपिंदर अत्री, पुलिस अधीक्षक एसडीआरएफ अर्जित सेन ठाकुर, पार्षद विशाखा मोदी, शीनम कटारिया, ममता चंदेल, शांता वर्मा सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।
समर्थ’ अभियान बना जन आंदोलन- डी सी राणा
निदेशक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं विशेष सचिव राजस्व विभाग डीसी राणा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हर वर्ष अक्टूबर माह में अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस की स्थापना वर्ष 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी।
इसका उद्देश्य आपदाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना, तैयारी को सुदृढ़ करना और समाज में लचीलापन विकसित करना है। वर्ष 2025 का विषय ‘Fund Resilience, Not Disasters’ इस बात पर बल देता है कि आपदाओं के मानव, सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को कम करने के लिए प्रतिक्रियात्मक उपायों के बजाय लचीलापन बढ़ाने वाले निवेश और नीतिगत कदमों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
प्रदेश में, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) ने वर्ष 2011 में इस अवसर पर ‘समर्थ’ अभियान की शुरुआत की थी। इस वर्ष ‘समर्थ–2025’ अभियान का 15वाँ संस्करण 1 से 31 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। यह अब जन आंदोलन बन गया है, जिसमें लोगों की सहभागिता हर वर्ष बढ़ रही है।
राज्यभर में विविध कार्यक्रमों के माध्यम से आपदा तैयारी, सुरक्षित निर्माण प्रथाओं और सामुदायिक लचीलापन (Community Resilience) को बढ़ावा दिया जा रहा है। शिक्षा, प्रशिक्षण, जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से यह अभियान एक सुरक्षित और सशक्त हिमाचल प्रदेश के निर्माण का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है।”
विजेता-उपविजेता किए सम्मानित
राज्य स्तरीय “सुरक्षित निर्माण मॉडल प्रतियोगिता” 8 अक्टूबर 2025 को राजस्व विभाग के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) द्वारा आयोजित की गई प्रतियोगिता के विजेता और उपविजेताओं को मुख्यातिथि ने सम्मानित किया।
उच्च स्कूल श्रेणी में पहला स्थान राजकीय उच्च स्कूल अनहैच, दूसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला प्रीथीपुर और तीसरा स्थान राजकीय उच्च स्कूल बिलासपुर ने हासिल किया। वरिष्ठ माध्यमिक श्रेणी में पहला स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पबियाना, दूसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंडी और तीसरा स्थान ला मॉन्टेसरी स्कूल कुल्लू ने हासिल किया।
कॉलेज श्रेणी में राजकीय डिग्री कॉलेज बासा, दूसरा स्थान राजकीय आईटीआई सोलन और राजकीय डिग्री कॉलेज बिलासपुर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
मोबाइल ऐप ‘हिम कवच की लांच
कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) द्वारा सुरक्षित निर्माण दिशा-निर्देशों को सभी तक पहुँचाने और प्रभावी रूप से लागू करने के लिए तैयार की गयी ‘हिम कवच’ नामक मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ मुख्यातिथि ने किया।
यह एप्लिकेशन घर मालिकों, इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों को दिशा-निर्देशों तक आसान पहुंच प्रदान करेगा और निर्माण के प्रत्येक चरण में सुरक्षित निर्माण प्रथाओं को अपनाने में मदद करेगा। इस पहल से सुरक्षित और लचीले भवन निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और आपदा जोखिमों से बचाव सुनिश्चित होगा।
हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली” की लांच
हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली (HPDMIS) एक विशिष्ट एप्लीकेशन है, जो विभिन्न विभागों में आपदा डेटा संग्रह, सत्यापन और रिपोर्टिंग को सुव्यवस्थित करती है। यह एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म के रूप में डिजाइन की गई है जो विभिन्न क्षेत्रों में आपदा के बाद क्षतियों, संसाधन आवंटन की निगरानी और प्रबंधन में सहायता करती है।
यह विभाग-विशिष्ट डेटा को एकीकृत करती है ताकि विस्तृत और समेकित अंतर्दृष्टि प्रदान की जा सके। फील्ड स्टाफ मोबाइल या वेब एप्लिकेशन इंटरफेस के माध्यम से सीधे आपदा डेटा इनपुट कर सकते हैं, और यह डेटा उच्च प्रशासनिक स्तरों पर सत्यापित और समेकित किया जाता है। इस एप्लिकेशन को भी लॉन्च किया गया।
इन्हें किया गया सम्मानित
हिमाचल प्रदेश में हाल की आपदा परिस्थितियों के दौरान कुछ संस्थाओं, अधिकारियों, कर्मियों और स्वयंसेवकों ने उत्कृष्ट कार्य किया है। उनके इस सराहनीय योगदान को देखते हुए, हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) ने प्रशंसा पुरस्कार वितरित किए।
इनमें जिला बिलासपुर से होमगार्ड 5वीं बटालियन के पवन कुमार, राज कुमार, बलजीत सिंह, बलदेव राज, इन्द्रदेव, संजीव कुमार तथा प्रेम लाल, जिला चम्बा से डीएसपी एसडीआरएफ मंडी खजाना राम, एएसआई, पीएस चम्बा मनोज कुमार, एएसआई, पीएस डलहौजी राजीव कुमार, हेड काॅन्सटेबल चम्बा सुनिल सिंह, काॅन्सटेबल चम्बा सुनील कुमार, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग चम्बा टीम, अधीक्षक अभियंता लोक निर्माण विभाग बिलासपुर जीत ठाकुर तथा अधिशाषी अभियंता, लोक निर्माण विभाग भरमौर मीत शर्मा, जिला हमीरपुर सेे प्रदीप कुमार व कुलदीप कुमार, जिला कांगड़ा से आपदा मित्र हरजीत भुल्लर, नरेन्द्र कुमार तथा कुमारी नीतिका, जिला किन्नौर से एसडीओ उमेश लारजु, जिला परिषद सदस्य किन्नौर हितेश नेगी, आरओसी आॅपरेटर सोम बहादुर, डोजर ऑपरेटर जय सिंह, जेसीबी आॅपरेटर होशियार सिंह, लोडर आॅपरेटर प्रभु दयाल, कार्य निरीक्षक प्रकाश चंद, एस एंड टी ऑपरेटर शशी नेगी व ब्रिज मोहन, ग्राम पंचायत ट्रांडा उपाध्यक्ष गोविंद मोयन, कनिष्ठ अभियंता लोक निर्माण विभाग एनएच सतीश जोशी, रेसक्यू टीम सदस्य राज कृष्ण व रंदीप, जिला कुल्लू से ईओसी कम डाकुमेंटेशन काॅर्डिनेटर डीडीएमए कुल्लू प्रशांत, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, अधिशाषी अभियंता मैकेनिकल डिविजन ई. गिरधारी लाल ठाकुर, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग ई. बी.सी. नेगी, एसडीओ जल शक्ति विभाग अंकित बिष्ट व दीक्षांत शर्मा, सहायक अभियंता, एचपीएसईबीएल ऑपरेशन सर्कल ई. बाल कृष्ण, सहायक अभियंता इलेक्ट्रिकल सब-डिविजन बंजार शशी कांत, होम गार्ड एंड सिविल डिफेंस 7वीं बटालियन कुल्लू, अग्निशमन सेवा, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और एचपी एसडीआरएफ मण्डी कैंप 3वीं आईआर बटालियन पंडोह, जिला मण्डी से खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, बागवानी विभाग, एनडीआरएफ 14वीं बटालियन, आरआरसी सलापर, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, एचपीएसईबीएल, एचपीपी मण्डी एंड वीएचएफ काॅम्युनिकेशन टीम मण्डी, हिमाचल होम गार्ड 6वीं बटालियन मण्डी, उपमंडलाधिकारी (ना.) थुनाग रमेश कुमार, एसडीओ लोक निर्माण विभाग बगसैड़, थुनाग, मण्डी योगेश कुमार ठाकुर, वाॅलेंटियर मण्डी राकेश कुमार, गीता राम व बालक राम को सम्मानित किया गया।
- सबसे अच्छे कार्य के लिए डीडीएमए किन्नौर, दूसरे नम्बर पर सबसे अच्छे कार्य के लिए डीडीएमए मण्डी तथा 133 इनफेन्ट्री बटालियन इकाॅलोजिकल डोगरा आर्मी कैंप कुफरी शिमला को सम्मानित किया गया।
- इंजीनियर शैलेश राणा सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग चंबा को मणिमहेश यात्रा के दौरान 13 किलोमीटर लंबी सड़क बहाली और खुद रेस्क्यू कार्यों में घायल होने के बाद भी ईमानदारी से ड्यूटी निभाते हुए 75 फंसे हुए श्रद्धालुओं को रेस्क्यू करने के लिए सम्मानित किया गया।
- वहीं रेस्क्यू कार्यों के दौरान जान गवाने वाले डोजर ऑपरेटर स्वर्गीय दिनेश कुमार और चालक लोक निर्माण विभाग स्वर्गीय हेमराज के परिजनों को भी सम्मानित किया गया।
- युवा आपदा मित्र पहल में विशेष रूप से 20 एनसीसी कैडेट्स को, जिन्होंने सात दिवसीय प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है, ईआरके किट और प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।
- इनमें यश, अदित्य कुमार, प्रियांशु, हिमांशु, अमन, लक्ष्य, सूरज, नागेन्द्र, कृतेश, मोहित, अर्पिता, अवंशिका, यशिका, समृति, मुस्कान, नेहा, तमन्ना पांडे, मिशेल वर्मा, पायल भारद्वाज तथा रिया ठाकुर को सम्मानित किया गया।
प्रदेश में युवा आपदा मित्र योजना की लांच
हिमाचल प्रदेश के नौ जिलों—चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल एवं स्पीति, शिमला, सोलन और ऊना—में युवा आपदा मित्र योजना (YAMS) का क्रियान्वयन किया जाएगा। इस योजना को नेशनल कैडेट कोर (NCC), नेशनल सर्विस स्कीम (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) और भारत स्काउट्स एवं गाइड्स (BS&G) के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 4,070 युवा स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया पर सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त सभी प्रतिभागियों को आपातकालीन प्रतिक्रिया किट (ERK) प्रदान की जाएगी और उन्हें तीन वर्षों के लिए जीवन एवं चिकित्सा बीमा के तहत कवर किया जाएगा। इसमें NCC के 1,500 कैडेट, NSS के 750 स्वयंसेवक, NYKS के 750 स्वयंसेवक और BS&G के 1,070 स्वयंसेवक शामिल हैं।
पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र किया लांच
प्रदेश भर में स्थानीय स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) को सशक्त बनाने के लिए पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (PERC) को लांच किया गया। पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (PERC) का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं को सुदृढ़ करना है।
इसके तहत प्रत्येक पंचायत में टीमों का गठन किया है, जो स्थानीय आपदा जोखिम का मूल्यांकन, तत्काल राहत एवं बचाव कार्य, और समुदाय में जागरूकता फैलाने का कार्य करेगी। स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य और पुलिस अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने तुरंत प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगी। इसके लिए प्रत्येक पंचायत को एक आपातकालीन किट प्रदान की जा रही है। कार्यक्रम में 10 पंचायतों के प्रधानों के माध्यम से किट वितरित की गई।