शिमला – नितिश पठानियां
औषधि नियमन एवं प्रवर्तन के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए हिमाचल प्रदेश की सहायक औषधि नियंत्रक गरिमा शर्मा को पल्लवी मेमोरियल बेस्ट ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर (फीमेल-नेशनल) अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
यह सम्मान उन्हें ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर्स (इंडिया) वेलफेयर एसोसिएशन के तीसरे वार्षिक अधिवेशन के दौरान हैदराबाद स्थित रामोजी फिल्म सिटी में प्रदान किया गया।
सम्मान समारोह के दौरान एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी. कोटेश्वर राव, महासचिव बलदेव चौधरी, एलओसी चेयरमैन डॉ. वाई. वी. अप्पाजी और कन्वीनर एम. अमृत राव ने गरिमा शर्मा को यह पुरस्कार भेंट किया।
हिमाचल की पहली महिला असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर
गरिमा शर्मा न केवल हिमाचल प्रदेश की पहली महिला ड्रग इंस्पेक्टर रही हैं, बल्कि उन्होंने आगे बढ़ते हुए प्रदेश की पहली महिला असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर बनने का गौरव भी हासिल किया है। उनके नेतृत्व में औषधि प्रवर्तन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की गई हैं।
उन्होंने नकली, अवैध और बिना लाइसेंस दवा निर्माण के खिलाफ 50 से अधिक मामलों में कार्रवाई कर फार्मा सेक्टर में नियंत्रण और पारदर्शिता की मिसाल पेश की। एक महत्वपूर्ण कार्रवाई के तहत नकली दवा निर्माण में संलिप्त इकाई पर छापेमारी कर एक व्यक्ति की गिरफ्तारी भी उनके मार्गदर्शन में संभव हुई।
छापेमारी से लेकर न्यायिक कार्यवाही तक निर्णायक भूमिका
गरिमा शर्मा ने औषधि निर्माण और बिक्री इकाइयों में समय-समय पर निरीक्षण कर मानकविहीन दवाओं की पहचान की, सैंपल परीक्षण के लिए भेजे और दोषियों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई सुनिश्चित करवाई। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य पुलिस और नारकोटिक टास्क फोर्स के साथ मिलकर नशीली दवाओं के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाए।
शैक्षणिक संस्थानों के आसपास कोटपा अधिनियम के अंतर्गत चलाए गए अभियानों में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई, जिसमें तंबाकू व नशे के दुष्प्रभावों के प्रति विद्यार्थियों को जागरूक किया गया।
वर्तमान कार्यभार और सराहना
वर्तमान में गरिमा शर्मा असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर-कम-लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पद पर कार्यरत हैं। वह अपने क्षेत्राधिकार में औषधि निरीक्षण, लाइसेंसिंग, गुणवत्ता परीक्षण और प्रवर्तन संबंधी समस्त गतिविधियों की निगरानी कर रही हैं। हिमाचल दवा निर्माता संघ सहित दवा उद्योग जगत ने गरिमा शर्मा को इस राष्ट्रीय सम्मान के लिए बधाई दी है।
उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उनकी कार्यनिष्ठा, नेतृत्व क्षमता और जनस्वास्थ्य के प्रति समर्पण का प्रमाण है। यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान को रेखांकित करता है, बल्कि देशभर की महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनकर उभरा है।