हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू शहर में जल शक्ति विभाग ने नए स्लैब के तहत पानी के बढ़े हुए बिल जारी किए हैं। पानी के बिलों को लेकर बीते दिनों से कुल्लू शहर में उपभोक्ताओं के बीच हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, अब कुल्लू के सदर के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर भी इस मामले में खुलकर सामने आए हैं।
विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे फिलहाल पानी के बिल का भुगतान न करें। विधायक ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पानी के जो नए टैरिफ जारी किए गए हैं, उनमें जल्द से जल्द संशोधन किया जाए।
कुल्लू सदर विधायक, सुंदर सिंह ठाकुर के बोल
“पानी के जो बिल जारी किए गए हैं, वो शिमला की तर्ज पर किए गए हैं। शिमला में बिजली के पंप की सहायता से पानी को लिफ्ट किया जाता है जबकि कुल्लू में ग्रेविटी के जरिए पानी यहां लोगों तक पहुंच रहा है। ऐसे में जो टैरिफ शिमला की तर्ज पर कुल्लू में जारी किए गए हैं, वो बिल्कुल भी सही नहीं है।
मैंने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से इस बारे में बात की है। जब तक पानी के बिल रिवाइज नहीं किए जाते हैं, तब तक उपभोक्ता पानी के बिलों का भुगतान न करें। इस बारे में जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से भी बात की है।
SDM कुल्लू से भी की थी लोगों ने मुलाकात
वहीं, कुछ दिन पहले नगर परिषद कुल्लू के वार्ड नंबर 4 के निवासियों ने पार्षद दानवेंद्र सिंह के साथ मिलकर इसी मुद्दे को लेकर एडीएम कुल्लू अश्विनी कुमार के साथ मुलाकात की थी और मांग रखी की इस विषय में सरकार से चर्चा की जाए, ताकि पानी के जो नए टैरिफ जारी किया गए हैं, उनमें संशोधन किया जा सके।
पार्षद दानवेंद्र सिंह के बोल
वार्ड नंबर 4 के पार्षद दानवेंद्र सिंह का कहना है कि अचानक से यह जो टैरिफ में वृद्धि की गई है उसमें 300% से ज्यादा पानी के दाम बढ़ाए गए हैं, जो की बिल्कुल भी सही नहीं है। जल शक्ति विभाग को चाहिए था कि वे पहले इस बारे पूरी तरह से चर्चा करते और इसमें लोगों की भी राय ली जाती।
सेवानिवृत अधिकारी मोतीलाल शर्मा के बोल
“जल शक्ति विभाग के द्वारा पानी के जो बिल जारी किए गए हैं, वो बीती साल अक्टूबर से लेकर दिसंबर माह तक के हैं।जबकि जल शक्ति विभाग का एक भी कर्मचारी इस दौरान रीडिंग लेने नहीं आया। ऐसे में विभाग द्वारा ऑफिस में बैठकर अपने अनुसार पानी के बिल तैयार किए गए हैं और हजारों रुपए जनता के ऊपर लाद दिए गए। जल शक्ति विभाग को चाहिए कि वह हर महीने पानी का बिल उपभोक्ताओं को देना सुनिश्चित करें, ताकि उपभोक्ता को भी आर्थिक रूप से परेशान ना होना पड़े।