जानिए कौन है, हिमाचल में जुड़वा DSP भाई, एक मनाली तो दूसरा शिमला में तैनात

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हिमखबर डेस्क

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला की पहाड़ियों में जन्मे जुड़वा भाई, एक जैसी राह, एक जैसा जुनून और एक जैसी पहचान है। यह कोई फिल्मी पटकथा नहीं है, बल्कि बचपन से होशियार भाइयों की सफलता है। कई मर्तबा किस्मत ऐसे संयोग रचती है जो न केवल दुर्लभ होते हैं, बल्कि मिसाल भी बन जाते हैं।

राजगढ़ उपमंडल के केडी शर्मा और जीडी शर्मा की कामयाबी इन पंक्तियों को चरितार्थ करती है। ये,जुड़वां भाई इस समय हिमाचल प्रदेश पुलिस में डीएसपी (DSP) के पद पर तैनात है। भाइयों का जन्म 15 अक्टूबर 1983 को दिवंगत चेतराम और सुभद्रा शर्मा के घर हुआ था।

सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल के एक छोटे से गांव थनोह में जन्मे जुड़वां भाइयों ने न केवल एक साथ जन्म लिया, बल्कि जीवन की हर महत्वपूर्ण मंज़िल भी साथ-साथ तय की। डीएसपी के पद पर एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी मनाली (Manali) में कानून व व्यवस्था की कमान संभाल रहा हैं, तो दूसरा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) शिमला में तैनात है।

बचपन से ही जीवन की राहें साथ-साथ तय कीं। एक साथ स्कूल जाना, एक साथ पढ़ाई करना और अब एक साथ कानून व्यवस्था संभालना एक ऐसा दुर्लभ संगम है जो अनुकरणीय है। हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा अधिकारी केडी शर्मा ने नॉन-मेडिकल (Non Medical) विषय लेकर बीएससी की शिक्षा प्राप्त की, उधर जीडी शर्मा ने आर्ट्स में स्नातक किया।
शैक्षणिक धाराएं अलग थीं, लेकिन लक्ष्य एक ही था, समाज की सेवा और सुरक्षा। 2005 में एक ने बीएससी की पढ़ाई के बाद कालाअंब में बीएड के कोर्स में दाखिला ले लिया था, जबकि एक को हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में भूगोल विषय में में पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिला मिल गया था। 

इसी बीच वर्ष 2006 में भाइयों का चयन हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में कांस्टेबल (Constable) के रूप में हुआ। नौकरी करते हुए भी अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी। इसी का परिणाम रहा कि 2008 में एक साथ सब-इंस्पेक्टर(Sub Inspector) के पद पर चयनित हो गए। हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा एक साथ उत्तीर्ण कर ली। करीब चार साल पहले एक साथ ही डीएसपी के पद पर प्रमोट हुए।

वर्तमान में डीएसपी केडी शर्मा अंतरराष्ट्रीय पर्यटन नगरी मनाली में कानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं। अपराध जांच में उनकी क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 18 ब्लाइंड मर्डर केस (Blind Murder Case) को सुलझाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें दो बार डीजीपी डिस्क अवार्ड(DGP Disc Award) से भी सम्मानित किया जा चुका है।

दूसरी तरफ डीएसपी जीडी शर्मा इस समय हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जहां वे युवाओं में अनुशासन, नैतिकता और प्रेरणा का संचार कर रहे हैं। शैक्षणिक परिसर में कानून-व्यवस्था बनाए रखना जितना संवेदनशील कार्य है, उतनी ही जिम्मेदारी के साथ वे अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

इस अभूतपूर्व सफलता में उनके परिवार, विशेषकर उनकी बड़ी बहन अंजना शर्मा  का विशेष योगदान रहा है। वे स्वयं भी पुलिस विभाग में नाहन में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं। बहन ने  न केवल भाइयों की पढ़ाई में आर्थिक सहयोग दिया, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से इस काबिल बनाया कि आज वे हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा अधिकारी हैं। केडी शर्मा ने 2017 में और जीडी शर्मा ने 2018 में विवाह किया। दोनों भाई पारिवारिक जीवन और प्रोफेशनल कर्तव्यों के बीच बेहतरीन संतुलन बना रहे हैं। उनके लिए वर्दी केवल अधिकार का प्रतीक नहीं, बल्कि सेवा और जिम्मेदारी का परिचायक है।

मनाली के डीएसपी केडी शर्मा ने बताया कि बचपन से ही बहन को वर्दी में देखा था। उन्होंने कहा कि सफलता में माता -पिता खासकर बड़ी बहन अंजना शर्मा का अहम योगदान रहा है। डीएसपी ने कहा कि हम दोनों ही भाई अपना बेस्ट देने की कोशिश कर रहे है।

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