सुक्खू सरकार की हजारों कर्मचारियों को सौगात : अनुबंध और दैनिक भोगी होंगे नियमित

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शिमला – नितिश पठानियां 

हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के हजारों अनुबंध और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह निर्णय लंबे समय से नियमितीकरण की प्रतीक्षा कर रहे कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार यह निर्णय वित्त वर्ष 2025-26 में लागू होगा और पात्र कर्मचारियों पर तय मापदंडों के अनुसार लागू किया जाएगा।

दो साल पूरा करने वाले अनुबंध कर्मचारी होंगे नियमित

प्रदेश सरकार ने अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए शर्त रखी है कि उन्होंने 31 मार्च 2025 तक कम से कम दो वर्षों की निरंतर सेवा पूरी कर ली हो। यह प्रक्रिया राज्य सरकार के सभी विभागों में लागू होगी।

नियमितीकरण की प्रक्रिया केवल उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर की जाएगी और इसमें वरिष्ठता का सिद्धांत मान्य होगा, बशर्ते संबंधित कर्मचारी की नियुक्ति तय नियमों के अनुसार की गई हो।

स्क्रीनिंग कमेटी करेगी पात्रता की जांच

प्रत्येक विभाग में एक स्क्रीनिंग कमेटी गठित की जाएगी, जो पात्रता की जांच करेगी। इसके बाद चयनित कर्मचारियों को चिकित्सकीय परीक्षण और चरित्र सत्यापन जैसी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। कर्मचारियों की जन्मतिथि की पुष्टि के लिए हिमाचल प्रदेश वित्तीय नियमावली 2009 के नियम 172 को मानक माना जाएगा।

प्रदेश भर में हो सकेगी तैनाती

नियमित किए गए कर्मचारियों को प्रदेश के किसी भी भाग में तैनात किया जा सकेगा। इन्हें समयमान वेतनमान के न्यूनतम स्तर पर नियुक्त किया जाएगा। यह नियुक्तियां आदेश जारी होने की तिथि से प्रभावी मानी जाएंगी, यानी पूर्व प्रभाव से इसका लाभ नहीं मिलेगा।

चार साल की सेवा वाले दैनिक वेतनभोगी भी होंगे नियमित

राज्य सरकार ने उन दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक कर्मचारियों के लिए भी राहत की घोषणा की है, जिन्होंने 31 मार्च 2025 तक लगातार चार वर्षों तक प्रति वर्ष कम से कम 240 दिन कार्य किया है। इन्हें भी विभागीय रिक्तियों के आधार पर नियमित किया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों के लिए विशेष छूट का प्रावधान रखा गया है।

नए पद नहीं बनेंगे, बजटीय सीमाओं में होगा क्रियान्वयन

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया के तहत कोई नया पद सृजित नहीं किया जाएगा। कर्मचारी जिस पद पर कार्यरत हैं, उसे ही समाप्त मानकर उसी पर नियमित किया जाएगा। साथ ही यह पूरी प्रक्रिया केवल उपलब्ध बजट के भीतर ही की जाएगी और इसके लिए अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान नहीं होगा।

सेवा अनुभव पर आधारित वेतनमान

जिन कर्मचारियों ने चार वर्षों की सेवा पूरी नहीं की है, उन्हें निचले वेतनमान पर ही नियमित किया जाएगा, भले ही वे उच्च वेतनमान में कार्य कर रहे हों। उच्च वेतनमान का लाभ उन्हें तभी मिलेगा जब वे उसमें भी चार साल की सेवा पूरी कर लेंगे।

शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा में छूट के प्रावधान

नियमितीकरण के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य होगी, लेकिन विशेष परिस्थितियों में सक्षम अधिकारी इसकी छूट दे सकते हैं। साथ ही अगर कोई कर्मचारी अधिकतम आयु सीमा पार कर चुका है, लेकिन नियुक्ति के समय तय आयु सीमा में था, तो उसे भी नियमितीकरण का लाभ मिलेगा।

रोजगार कार्यालय से नियोजन अनिवार्य नहीं

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई कर्मचारी रोजगार कार्यालय से नियुक्त नहीं हुआ है, तो भी उसे नियमित किया जा सकता है, बशर्ते वह पद लोक सेवा आयोग के अधिकार क्षेत्र में न आता हो। ऐसी स्थिति में लोक सेवा आयोग की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।

वरिष्ठता और समकक्ष पदों पर भी मिलेगा लाभ

नियमित कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके सेवा अनुभव और विभागीय कार्यकाल के आधार पर तय की जाएगी। यदि किसी कार्यालय में रिक्त पद उपलब्ध नहीं हैं, तो समान वेतनमान वाले समकक्ष चतुर्थ श्रेणी पदों पर भी इस प्रक्रिया को लागू किया जा सकता है। नियमितीकरण के चलते उत्पन्न रिक्तियों को समाप्त मान लिया जाएगा।

कार्मिक विभाग ने दिए आदेश, सभी विभागाध्यक्षों को अनुपालना के निर्देश

सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय से हजारों कर्मचारी लाभान्वित होंगे, जो लंबे समय से स्थायी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे थे। कार्मिक विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों और प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे इस अधिसूचना की अनुपालना सुनिश्चित करें और प्रक्रिया को समयबद्ध ढंग से पूरा करें।

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