किसानों की डिमांड पर कृषि विभाग मुहैया करवाएगा, छह हजार रुपए होगी कीमत
शिमला – नितिश पठानियां
जंगली जानवरों से अपनी खेती को बचाने के लिए किसान एग्री केनन गन का इस्तेमाल कर सकते हैं। कृषि विभाग को किसान अपनी डिमांड भेजेंगे, जिसके अनुसार वह वर्क ऑर्डर देगा। एक कंपनी का चयन रेट कॉन्ट्रेक्ट के माध्यम से एग्रो इंडस्ट्रिज कारपोरेशन ने कर दिया है जिसके बाद मामला अब कृषि विभाग के पास है।
बताया जाता है कि अभी कृषि विभाग किसानों को इसकी जानकारी देगा और किसान जागरूक होने के बाद इस गन की खरीद कर सकेंगे। इनके लिए यह फायदेमंद साबित हो सकती है। बताया जाता है कि यह एग्री केनन गन छह हजार रुपए में मिलेगी, जिसका रेट तय कर दिया गया है।
हिमाचल कृषि प्रधान प्रदेश है,मगर यहां खेती कर रहे किसान, जंगली जानवरों की समस्या से काफी ज्यादा जूझ रहे हैं। एक तरफ मौसम की बेरुखी उनकी फसलों को बर्बाद कर रही है, तो दूसरी ओर जानवर उनकी खेती को तबाह कर रहे हैंं। यही वजह है कि एक एग्री केनन गन खुद सरकार किसानों को देगी जिसके लिए किसान अपनी डिमांड कृषि विभाग को देंगे।
यह इस तरह की गन है, जो किसी जानवर के लिए जानलेवा साबित नहीं होगी बल्कि जानवरों को खेतों से भगाने में सहायक सिद्ध होगी। इस गन की खरीद के लिए कृषि विभाग ने एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन के माध्यम से रेट कॉन्ट्रेक्ट करवाया है और इसे फाइनल करके कृषि विभाग को भेज दिया गया है।
कंपनी से गन की कीमत को लेकर नेगोसिएशन हो चुकी है और तय किया गया है कि कंपनी छह हजार रुपए में कृषि विभाग को प्रति गन के हिसाब से मुहैया करवाएगी और कृषि विभाग इसकी डिमांड के अनुसार खरीद करेगा। इस गन को चलाने से एक जोरदार धमाका होता है। आसपास में उस धमाके की गूंज इतनी ज्यादा होती है कि बड़े से बड़ा जानवर उसे सुनकर वहां से भाग जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में किसान जानवरों की समस्या से काफी ज्यादा जूझ रहे हैं। लगभग प्रत्येक जिला में आज ऐसी स्थिति है कि किसान अपनी खेती छोड़ रहा है। सरकार ने जानवरों से खेतों को बचाने के लिए पहले भी कई तरह ही योजनाएं चलाई हैं।