मंडी – अजय सूर्या
मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों में उड़ान होती है। इन पंक्तियों को मंडी जिला की होनहार 2 बेटियों ने चरितार्थ कर दिखाया है। मिनाक्षी और प्रियंका ने नर्सिंग लैफ्टिनैंट बनकर न केवल अपने गांवों का बल्कि पूरे जिले सहित प्रदेश का नाम रोशन किया है।
ग्राम पंचायत सदयाणा की मीनाक्षी ठाकुर का चयन सेना में नर्सिंग लैफ्टिनैंट पद पर हुआ है। 16 सितम्बर को मीनाक्षी ठाकुर पुणे के आर्मी अस्पताल में अपनी सेवाएं देगी। केंद्रीय विद्यालय मंडी से 12वीं तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद क्षेत्रीय अस्पताल मंडी से जीएनएम का कोर्स तथा अभिलाषी काॅलेज ऑफ नर्सिंग से पोस्ट बेसिक नर्सिंग की डिग्री हासिल की है।
मीनाक्षी की माता सुनीता देवी गृहिणी तथा पिता राजकुमार विकास खंड अधिकारी के कार्यालय द्रंग में बतौर चालक के पद पर कार्यरत हैं। मीनाक्षी ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को देते हुए विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि मानवता की सेवा के लिए इस फील्ड को चुनें और अपना भविष्य बनाएं।
उधर, बल्ह विधानसभा क्षेत्र के मंदिर टांडा की प्रियंका नर्सिंग लैफ्टिनैंट बनी हैं। बेटी की इस उपलब्धि को लेकर ग्रामीणों में खुशी की लहर है। बल्ह के मंदिर टांडा गांव की प्रियंका का चयन सेना में नर्सिंग लैफ्टिनैंट के पद पर हुआ है। वह मिलिटरी अस्पताल बेलगाम कर्नाटक में बतौर नर्सिंग लैफ्टिनैंट अपनी सेवाएं देंगी।
प्रियंका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा निजी स्कूल गुरुकुल लोहारा में तथा जमा-2 की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भंगरोटू और बीएससी नर्सिंग श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल काॅलेज नेरचौक से उत्तीर्ण की है। प्रियंका के पिता अमर चंद हिमाचल पथ परिवहन निगम में परिचालक के पद पर कार्यरत हैं और माता दया देवी गृहिणी हैं। प्रियंका ने अपनी इस उपलब्धि के लिए अपने माता-पिता एवं अध्यापकों को श्रेय दिया है।