गोशाला के लिए दी नहीं, अब क्रबिस्तान के लिए सरकारी जमीन दे रहा प्रशासन, विरोध में किया हनुमान चालीसा का पाठ
ऊना – अमित शर्मा
हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के गांव नंगल सलांगड़ी में जिला प्रशासन की ओर से कब्रिस्तान के लिए जमीन देने का विरोध हो रहा है। चार कनाल सरकारी भूमि देने पर ग्रामीणों ने ऐतराज जताया है।
शुक्रवार को ग्राम पंचायत की प्रधान आशा देवी के नेतृत्व में पंचायत के सदस्य और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने डीसी कार्यालय पहुंचकर इस कब्रिस्तान का विरोध किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि बाहर से आकर बसे दो परिवारों के लिए गांव में कब्रिस्तान के लिए सरकारी भूमि देना गलत है। इस दौरान ग्रामीणों ने एमसी पार्क में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया।
ग्रामीणों ने कहा कि इसी भूमि पर ग्राम पंचायत ने गौशाला बनाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन तब इसे नॉन अलॉटेबल जमीन बता कर काम रुकवा दिया गया था, लेकिन अब इसी जमीन को कब्रिस्तान के लिए किस आधार पर आवंटित किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि अब भी सरकार और प्रशासन उनकी बात नहीं मानी तो उग्र प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। ग्रामीणों ने डीसी ऊना को ज्ञापन सौंप अपना विरोध दर्ज करवाते हुए इस फैसले को वापिस लेने की मांग उठाई।
ग्रामीणों का आरोप है कि बाहर से आकर बसे दो मुस्लिम परिवारों ने पंचायत प्रतिनिधियों को धोखे में रखकर कब्रगाह के लिए जमीन अलॉट करवाने के लिए हस्ताक्षर करवाए थे। हस्ताक्षर के आधार पर अब जिला प्रशासन इन दो परिवारों को कब्रिस्तान के लिए चार कनाल सरकारी भूमि देने जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब यह परिवार इस गांव के पुश्त-दर-पुश्त निवासी नहीं है तो फिर ऐसे में इन्हें कब्रगाह बनाने के लिए गांव में कैसे जमीन दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसी जमीन को गौशाला के लिए अलॉट करने से जिला प्रशासन ने साफ तौर पर इंकार कर दिया था, जिसके लिए इस जमीन को नॉन एलॉटेबल बताया गया था, लेकिन अब किस आधार पर इसी जमीन को कब्रिस्तान के लिए दिया जा रहा है।
पंचायत प्रधान आशा देवी के बोल
ग्राम पंचायत की प्रधान आशा देवी का कहना है कि बाहर से आकर बसे दो परिवारों ने ग्राम पंचायत के कुछ सदस्यों के हस्ताक्षर यह कहकर करवा लिए कि उन्हें केवल इस गांव के निवासी होने का प्रमाण देना है, जबकि उन्हें दस्तावेजों को जिला प्रशासन के पास लाकर अब कब्रिस्तान के लिए जगह अलॉट करवाई जा रही है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।