लैब टेक्नीशियन बन चमकाएं करियर : तीन तरह के कोर्सेज उपलब्ध हैं आपके पास, पढ़ें पूरी खबर

--Advertisement--

सही इलाज और दवा के लिए आजकल क्लीनिकल प्रयोगशालाओं की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण है। मेडिकल सेक्टर के आधुनिक रूप में विस्तार पाने से मेडिकल लैब टेक्नीशियन की जरूरत काफी बढ़ गई है। किसी भी व्यक्ति के स्वस्थ होने में लैब टेक्नीशियन की भूमिका उतनी ही अहम होती है, जितनी डाक्टर की होती है। लैब टेक्नीशियन का अनुभवी होना इसलिए बहुत जरूरी है…

हिमखबर डेस्क

जब तक इनसान है, तब तक उसके किसी बीमारी से पीडि़त होने की आशंका बनी रहेगी। अत: इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि अगर कोई व्यक्ति मेडिकल की फील्ड में चला जाता है, तो उसके पास अच्छे पैसे कमाने की अपार संभावनाएं होती हैं, क्योंकि इनसान चाहे अपने आप को स्वस्थ रखने का कितना भी प्रयास क्यों न कर ले, उसकी किसी न किसी गलती की वजह से उसे कोई न कोई समस्या हो ही जाती है और इस स्थिति में उसे डाक्टर के पास जाना पड़ता है और डाक्टर उसका इलाज करने के पहले कुछ कंडीशन में उसे कुछ टेस्ट करवाने के लिए कहता है, जोकि लैबोरेटरी में होता है, जहां पर लैब टेक्नीशियन तथा अन्य कर्मचारी मौजूद होते हैं।

लैब टेक्नीशियन पीडि़त की जांच कर सैंपल लेते हैं और उसका विश्लेषण कर पेशेंट को उसकी रिपोर्ट दिखाते हैं, इसके बाद डाक्टर अपना इलाज चालू करता है। लैब टेक्नीशियन वह व्यक्ति होता है, जो जटिल चिकित्सा मशीनरी के साथ काम करने और विभिन्न मेडिकल टेस्ट्स करने में एक्सपर्ट होता है। दुनिया भर के पब्लिक और प्राइवेट क्षेत्र में एक लैब टेक्नीशियन की भारी मांग है।

लैब टेक्नीशियन कोर्स में छात्रों को शरीर रचना विज्ञान, विकृति विज्ञान, जैव रसायन, शरीर विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान आदि विषय के बारे में पढ़ाया जाता है। 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन की डिग्री के बाद किया जाना वाला लैब टेक्नीशियन कोर्स पैरामेडिकल कोर्स की श्रेणी में शामिल एक उच्च कोटि का कोर्स है।

कोई व्यक्ति अगर लैब टेक्नीशियन कोर्स करता है, तो इस कोर्स में उसे ब्लड बैंकिंग, माक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी और बायो केमिस्ट्री जैसे सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं। यह सब्जेक्ट सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं होता, बल्कि इसमें उन्हें प्रैक्टिकल भी करके दिखाया जाता है, ताकि वह अच्छे से लैब टेक्नीशियन के कोर्स को पढ़ सके और सीख सकें। इसका दूसरा नाम क्लीनिकल साइंस कोर्स भी है।

ऐसे लोग जो इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं उन्हें कोर्स पूरा करने के बाद एक सर्टिफिकेट भी प्राप्त होता है और इसी सर्टिफिकेट के जरिए वह किसी भी लैबोरेटरी में नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। आपकी इन्फॉर्मेशन के लिए यह भी बता दें कि लैब टेक्नीशियन की गिनती ऐसे मेडिकल कोर्स में होती है, जिसमें एडमिशन पाने के लिए आपको किसी भी प्रकार की कोई भी एंट्रेंस एग्जाम नहीं देनी होती है।

कोर्स

लैब टेक्नीशियन बनने के लिए आपको एक्स-रे, रेडियोग्राफी, रसायन आदि के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। लैब टेक्नीशियन बनने के लिए आपके पास तीन तरह के कोर्सेज उपलब्ध हैं, जैसे…

यह है भूमिका

मेडिकल लैब टेक्नीशियन किसी बीमारी की पहचान करने के लिए जांच करते है, जिसके आधार पर डाक्टर ट्रीटमेंट करते हैं। लैब टेक्नीशियन बॉडी फ्लूड्स, टीसू, बल्ड टाइपिंग, ह्यूमन बॉडी का सेल काउंट करना, माइक्रोऑर्गेनिज्म स्क्रिनिंग व केमिकल एनालिसिस आदि जांचे व उनका विश्लेषण करते हैं। लैब टेक्नीशियन, सैंपल, टेस्ट, रिपोर्ट और डॉक्यूमेंट आदि काम करते हैं।

ऐसे बनें मेडिकल लैब टेक्नीशियन

जो भी व्यक्ति मेडिकल लैब टेक्नीशियन बनना चाहते हैं, वह एमएलटी कोर्स को दसवीं के बाद, 12वीं के बाद या फिर ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद कर सकते हैं। जब मेडिकल लैब टेक्नीशियन का कोर्स अभ्यर्थी पूरा कर लेते हैं, तब उन्हें इसमें ज्यादा ज्ञान एवंम अनुभव हेतु इंटर्नशिप भी करनी होती है। इंटर्नशिप करने के बाद जब आप किसी हॉस्पिटल में या फिर लैबोरेटरी में नौकरी करने के लिए जाते हैं, तब आपको नौकरी देने में प्राथमिकता दी जाती है।

मेडिकल लैब टेक्नीशियन की नौकरी पा लेने के बाद आपको पेसेंट के विभिन्न प्रकार के सैंपल लेने होते हैं, जैसे कि ब्लड सैंपल, यूरीन सैंपल इत्यादि और उसकी रिपोर्ट तैयार करके पेशेंट को देनी होती है, जिसके बाद मरीज आगे डाक्टर से अपना इलाज करवाता है।

10वीं के बाद…

डिप्लोमा कोर्स और सर्टिफिकेट कोर्स यह दोनों ऑप्शन जब आप दसवीं कक्षा पास कर लेते हैं, तब आपको मेडिकल लैब टेक्नीशियन बनने के लिए मिलते हैं। ऐसे कई विद्यार्थी हैं जो दसवीं पास करने के बाद मेडिकल लैब टेक्नीशियन बनने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स करते हैं। दसवीं के बाद मेडिकल लैब टेक्नीशियन बनने के लिए सर्टिफिकेट कोर्स जैसे…

– सर्टिफिकेट इन रेडियोलॉजी असिस्टेंट
– सर्टिफिकेट इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी
– ईसीजी असिस्टेंट
– मेडिकल लैबोरेटरी असिस्टेंट
– सर्टिफिकेट इन लैबोरेटरी टेक्नीक्स
– सर्टिफिकेट इन मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी
– सर्टिफिकेट इन एनेस्थीसिया टेक्नीशियन
– सर्टिफिकेट इन सीटी स्कैन टेक्नीशियन
– सर्टिफिकेट इन एमआरआई टेक्नीशियन
– सर्टिफिकेट इन एक्स-रे टेक्नीशियन
– सर्टिफिकेट इन डेंटल मशीन टेक्नीशियन

बता दें कि सर्टिफिकेट कोर्स को शार्ट में सीएमएलटी कहां जाता है और इसका पूरा नाम सर्टिफिकेट इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी होता है। इसे करने के लिए आपको छह महीने से लेकर के एक साल तक का समय देना होता है। अधिकतर कालेज इसमें मेरिट के बेस पर ही एडमिशन देने की प्रक्रिया का पालन करते हैं, वहीं कुछ कालेज ऐसे है, जिसमें किसी भी प्रकार की मेरिट की प्रक्रिया का पालन नहीं होता है।

ऐसे कालेज में आप डायरेक्ट एडमिशन प्राप्त करने की कोशिश कर सकते हैं। बता दें कि सर्टिफिकेट कोर्स की तुलना में डिप्लोमा कोर्स ज्यादा वैल्युएबल माना जाता है, परंतु अगर आप दसवीं के बाद कोई छोटा कोर्स करना चाहते हैं, तो आप इसे कर सकते हैं।

पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स…

ऐसे विद्यार्थी जो ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी कर चुके हैं और मेडिकल लैब टेक्नीशियन का कोर्स करना चाहते हैं वह इसके दो साल के पोस्टग्रेजुएट कोर्स में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि इसके अलावा इसमें पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स भी है, जो एक साल का होता है। पोस्ट ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स की लिस्ट …

– एमएससी इन मेडिकल लैबोरेटरी
– एमएससी इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी
– एमएससी इन मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी
– एमएससी इन ईसीजी एंड सीवीटी
– मास्टर ऑफ मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी
– पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन एमएलटी
– पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन लैबोरेटरी सर्विसेज इन साइंस
– पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन बायोमेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी
– पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन क्लीनिकल, जेनेटिक्स एंड मेडिकल लेबोरेटरीज

12वीं के बाद डिप्लोमा …

जिस प्रकार 10वीं कक्षा पास करने के बाद आपको मेडिकल लैब टेक्नीशियन बनने के लिए डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स मिलता है, उसी प्रकार 12वीं कक्षा को पास करने के बाद आपको मेडिकल लैब टेक्नीशियन बनने के लिए डिग्री और डिप्लोमा के कोर्स मिल जाते हैं, जिसे आप अपनी पसंद के हिसाब से कर सकते हैं। 12वीं के बाद मेडिकल लैब टेक्नीशियन बनने के लिए कोर्स…

– डिप्लोमा इन एक्स-रे एंड ईसीजी टेक्नोलॉजी
– डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी
– डिप्लोमा इन क्लीनिकल एनालिसिस
– डिप्लोमा इन मेडिकल लैबोरेटरी असिस्टेंट
– डिप्लोमा इन मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी
– डिप्लोमा इन रेडियोग्राफी टेक्नोलॉजी
– डिप्लोमा इन सीवीटी टेक्नीशियन
– डिप्लोमा इन ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी
– डिप्लोमा इन कार्डियोवैस्कुलर टेक्नीशियन
– डिप्लोमा इन मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी
– डिप्लोमा इन ईईजी लैबोरेटरी टेक्नीशियन
– डिप्लोमा इन क्लीनिकल लैबोरेटरी टेक्नीशियन

बता दें कि लैब टेक्नीशियन के कोर्स को शार्ट में डीएमएलटी कहा जाता है और इसका पूरा नाम डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नीशियन होता है, जो कि दो साल का कोर्स होता है और इस दो साल के कोर्स में आपको छह महीने इंटर्नशिप करनी होती है, जिसमें आपको इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त होती है।

12वीं के बाद डिग्री कोर्स…

इसका छोटा नाम बीएमएलटी होता है, जिसका पूरा नाम बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी है। 12वीं के बाद इस कोर्स में एडमिशन पाने के बाद आपको 3 साल तक इस कोर्स की पढ़ाई करनी होती है जिसमें आखिरी 6 महीने में आपको इंटर्नशिप भी करवाई जाती है। नीचे आपको हम उन सभी मेडिकल लैब टेक्नीशियन के डिग्री कोर्स के नाम दे रहे हैं, जो आप 12वीं के बाद कर सकते हैं…

– बीएससी इन मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी
– बीएससी इन मेडिकल इमेजिंग टेक्नोलॉजी
– बीएससी इन क्लीनिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी
– बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी
– बीएससी इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी
– बीएससी इन ईसीजी एंड कार्डियोवैस्कुलर टेक्नोलॉजी

इस कोर्स में आप दो प्रकार से एडमिशन ले सकते हैं, जिसमें पहला तरीका यह है कि आप एंट्रेंस एग्जाम में शामिल हो और उसे पास करने के बाद एडमिशन प्राप्त करें और दूसरा तरीका यह है कि आप मेरिट के आधार पर एडमिशन ले। हर कालेज में इस कोर्स में एडमिशन देने के लिए अलग-अलग प्रक्रिया का पालन किया जाता है। इसलिए आप जिस कालेज से इस कोर्स को करना चाहते हैं, उस कालेज में एडमिशन प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल कर लें।

सिलेबस

लैब टेक्नीशियन कोर्स में आपको लैब एनाटॉमी, पैथोलॉजी से लेकर लैब मैनेजमेंट के बारे में भी पढ़ाया जाता है। लैब टेक्नीशियन कोर्स में पढ़ाए जाने वाले विषय…

– एनाटॉमी
– पैथोलॉजी
– बायोकेमिस्ट्री
– फिजियोलॉजी
– माइक्रोबायोलॉजी
– लैब प्रबंधन
– पीएसएम
– एडवांस लैब मैनेजमेंट
– कम्युनिकेशन स्किल्स

इम्यूनोलॉजी

इम्यूनोलॉजी, बायोलॉजी और मेडिसिन की एक ब्रांच है, जिसमें सभी जीवों के इम्यून सिस्टम की पढ़ाई कराई जाती है। इम्यूनोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी का एक जरूरी हिस्सा है, क्योंकि कुछ प्रमुख खतरनाक बीमारियां जो मानव शरीर में बैक्टीरिया, वायरसऔर अन्य सूक्ष्मजीवों के कारण होती हैं। इम्यूनोलॉजी इन रोगों के लिए इलाज विकसित करने और इन बीमारियों की रोकथाम के लिए टीकाकरण पर काम करने के साथ-साथ इन जीवों से होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करती है।

क्लीनिकल पैथोलॉजी

क्लीनिकल पैथोलॉजी एक मेडिकल स्पेशिलिटी है, जो शारीरिक तरल पदार्थ जैसे ब्लड, यूरिन, कफ की रसायन विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, रुधिर विज्ञान और आणविक विकृति विज्ञान के आधार पर प्रयोगशाला विश्लेषण कर डिजीज का डायग्नोसिस करने में मदद करते हैं। लैब टेक्नीशियन कोर्स करने वाले छात्रों के लिए यह अध्ययन का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है।

माइक्रोबायोलॉजी

सूक्ष्म जीव विज्ञान की यह शाखा एककोशिकीय, सूक्ष्म जानवरों के समूह, वायरस, बैक्टीरिया और कवक सहित सूक्ष्मजीवों के अध्ययन को देखती है। यह अनुशासन जैव रसायन और विकृति विज्ञान के विभिन्न अनुसंधान क्षेत्रों का एक प्रमुख हिस्सा है।

बायोकेमिस्ट्री

रसायन विज्ञान का यह क्षेत्र जैविक प्रक्रिया के विभिन्न रासायनिक पहलुओं को देखता है। यह शरीर में मौजूद विभिन्न एंजाइम, प्रोटीन और अन्य रसायनों और इसकी कार्यात्मक प्रक्रियाओं का भी अध्ययन करता है।

करियर विकल्प

ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने लैब टेक्नीशियन के कोर्स को पूरा कर लिया है और वह इस उम्मीद में है कि उनकी जल्दी से कहीं पर नौकरी लग जाए तो जल्दी नौकरी पाने के लिए उन्हें अपने आप को ऑल इंडिया मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी एसोसिएशन या फिर नेशनल अकैडमीटिंग एजेंसी फॉर क्लिनिकल लैबोरेट्री साइंस में रजिस्टर करवा लेना चाहिए। इसमें रजिस्टर होने के बाद उन्हें एक सर्टिफिकेट मिलता है जो नौकरी पाने में उनके काफी काम आता है…

यहां मिलेगी जॉब

गवर्नमेंट हॉस्पिटल
प्राइवेट हॉस्पिटल
पैथोलॉजी
क्लीनिक
लैबोरेटरीज
रिसर्च सेंटर
यूनिवर्सिटीज
ब्लड डोनेशन सेंटर
फार्मास्यूटिकल कंपनियां
क्राइम इंवेस्टीगेटिंग लैबोरेटरीज
हैल्थ इंस्टीट्यूशन

ये नौकरियां

लैब टेक्नीशियन
ट्रेनर
लैब असिस्टेंट
लैब कंसल्टेंट
लैब सुपरवाइजर
लैबोरेटरी इन-चार्ज
लैबोरेटरी इनफॉर्मेशन सिस्टम एनालिस्ट
डिप्टी क्वालिटी मैनेजर
असिस्टेंट प्रोफेसर
मेडिकल लैबोरेटरी साइंटिस्ट

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानियां ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की मुलाक़ात

हिमख़बर डेस्क  उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने गुरुवार को...

हारचक्कियां में खुला टैक्सी यूनियन का ब्रांच ऑफिस

लपियाना में देवभूमि मां बगलामुखी टैक्सी मैक्सी यूनियन की...

“हिमाचल को 1500 करोड़ देने के लिए PM मोदी का आभार, लेकिन नुकसान 10 हजार करोड़ से ज्यादा का हुआ”

शिमला - नितिश पठानियां पीएम नरेंद्र मोदी ने आपदा से...