चम्बा – भूषण गुरुंग
चुराह उपमंडल के गांव गडफरी निवासी खान बीबी पत्नी नजीर को शाम 4:00 बजे अचानक से भयंकर प्रसव पीड़ा उठी। परिजनों ने समय न गंवाते हुए एंबुलेंस को फोन कर सूचित किया। इसके बाद मौके पर पहुंची एंबुलेंस के जरिए गर्भवती महिला को सिविल अस्पताल तीसा पहुंचाया गया। जहां से महिला की बिगड़ती तबीयत को देखने के बाद चिकित्सक ने मेडिकल कॉलेज चंबा के लिए रेफर कर दिया।
पायलट राकेश कुमार और ईएमटी याकूब एंबुलेंस में गर्भवती को लेकर चंबा के लिए रवाना हुए, लेकिन बस स्टैंड के नजदीक पहुंचने पर गर्भवती को प्रसव पीड़ा उठी। इसके बाद एंबुलेंस के पायलट और ईएमटी ने समय न गंवाते हुए महिला और उसके नवजात की जिंदगी को ध्यान में रखते हुए एंबुलेंस में ही महिला का प्रसव करवाने का निर्णय लिया।
सायं 7:30 बजे ईएमटी ने एंबुलेंस में ही महिला का सुरक्षित प्रसव करवाया। इसके बाद एंबुलेंस के जरिए ही महिला और उसके नवजात को मेडिकल कॉलेज चंबा में दाखिल करवा दिया गया। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं काफी लचर हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में महिला रोग विशेषज्ञों का अभाव गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। आलम, यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों से गर्भवती महिलाओं को प्रसव को लेकर आखिरकार मेडिकल कॉलेज चंबा के लिए ही रेफर करना पड़ता है। ऐसे में कई बार एंबुलेंस में महिलाओं के सुरक्षित प्रसव हो जाते हैं तो कई बार महिलाओं और उनके नवजात दुनिया का मुख तक नहीं देख पाते हैं।
108 एंबुलेंस के ईएमटी याकूब ने बताया कि तीसा की एक गर्भवती महिला को तीसा से चंबा रेफर करने पर बस स्टैंड के समीप ही भयंकर प्रसव पीड़ा हुई। एंबुलेंस में ही महिला का प्रसव करवाया गया। जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।