अब बुरी तरह फंसेंगे फर्जी सिम से धोखाधड़ी करने वाले शातिर, 3 साल की सजा, 50 लाख जुर्माना

--Advertisement--

हिमखबर डेस्क

राज्यसभा ने आज दूरसंचार विधेयक 2023 को विपक्ष की गौर मौजूदगी में ध्वनिमत से आज पारित कर दिया, जिसमें टेलीकॉम क्षेत्र में न सिर्फ व्यापक पैमाने पर सुधार के प्रावधान किए गए, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों और अधिकारों के सुरक्षा के साथ ही फर्जी कागजात पर सिम लेकर उससे धोखाधड़ी करने वालों पर शिकंजा कसने की व्यवस्था की गई है।

लोकसभा ने इस विधेयक को कल पारित किया था। इस तरह से आज इस पर संसद की मुहर लग गई। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में इस विधेयक पर हुई चर्चा का जबाव देते हुए कहा कि उपनिवेश काल के कानूनों को समाप्त कर यह नया विधेयक बनाया गया है। पिछले साढ़े नौ वर्षों में यह क्षेत्र घोटालों से उबर कर उभरता हुआ क्षेत्र बन गया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में 6.25 लाख टॉवर थे जो अभी बढक़र 25.5 लाख हो गए हैं। इसके साथ ही ब्रांडबैंड इंटरनेट ग्राहकों की संख्या भी 1.5 करोड़ से बढक़र 85 करोड़ हो गयाी है। 14 महीने से भी कम समय में देश में 5जी के 4 लाख से अधिक टॉवर लगाये गए हैं।

उन्होंने कहा कि गलत कागजात देकर फर्जी सिम का उपयोग करने वालों को 3 वर्ष की सजा और 50 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान किया गया है। मोबाइल फोन को क्लोन करके अपराध करने वालों पर भी कठोर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।

इसके साथ शिकायत निवारण की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त टॉवर लगाने के लिए सुगम व्यवस्था की गयी है। इसमें कॉमन डक्ट बनाने की बात की गयी है जिसका सभी दूरसंचार सुविधाओं के लिए उपयोग किया जा सकेगा। संचार मंत्री ने कहा कि 2 जी के समय बड़े बड़े घोटाले होते थे।

आज इस विधेयक के माध्यम से स्वच्छ और शुचिता भरी व्यवस्था की गयी है। अब सिर्फ नीलामी से ही स्पेक्ट्रम का आवंटन होगा। सिर्फ 19 ऐसे क्षेत्र हैं जिनको प्रशासनिक तरीके से स्पेक्ट्रम आवंटन होगा। स्पेक्ट्रम एक ऐसा संसाधन है, जो बाकी प्राकृतिक संसाधन से अलग है। यह एक ऐसा संसाधन है जो कभी भी समाप्त नहीं होने वाला है। यह आत्मा की तरह अजर और अमर है। इसके मद्देनजर स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए प्रावधान किए गए हैं।

इसमें स्व स्वीकृत निवारण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में दूरसंचार नेटवर्क को सरकार के नियंत्रण में लेने की व्यवस्था वर्तमान में भी है और इस नए विधेयक में भी वहीं व्यवस्था की गयी है।

अमरीका और यूरोप जैसे देशों में भी भारतीय टेलीकॉम उपकरण का उपयोग हो रहा है और आठ हजार करोड़ के उपकरण निर्यात किए गए हैं। इस क्षेत्र में 40 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है और इस नए विधेयक में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है, जिससे रोजगार पर विपरीत प्रभाव पड़े। इसके बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

रेड क्रॉस शिविर में 69 लोगों ने किया रक्तदान

मंडी, 16 अक्तूबर - हिमखबर डेस्क  ंरेड क्रॉस सोसाइटी मंडी...

आपात परिस्थितियों में सीपीआर से बचाई जा सकती है किसी की जान

भोरंज के मिनी सचिवालय में सीपीआर पर आयोजित किया...

आंगनबाड़ी सहायिकाओं के साक्षात्कार 28 से 30 अक्तूबर को रैत में होंगे आयोजित

शाहपुर, कांगडा व धर्मशाला उपमंडल की कुछ पंचायतों के...