कांगड़ा से मंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में शामिल सुधीर शर्मा के बयान से भी सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सुक्खू बिलासपुर और कांगड़ा को मंत्री देने की बात कह चुके हैं।
हिमखबर डेस्क
चार राज्यों के चुनाव नतीजे आने के बाद हिमाचल में मंत्री पद के तलबगारों की नजरें मुख्यमंत्री सुक्खू पर टिक गई हैं। मिजोरम के चुनाव नतीजे आते ही मुख्यमंत्री मंत्रियों की घोषणा तत्काल करेंगे या राज्य सरकार के एक साल के जश्न के दौरान या उसके बाद, इस पर कांग्रेस नेता पहेलियां बुझा रहे हैं।
सुक्खू ने कुछ दिन पहले पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद कैबिनेट विस्तार की बात कही थी। इसी बीच कांगड़ा से मंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में शामिल सुधीर शर्मा के बयान से भी सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री सुक्खू बिलासपुर और कांगड़ा को मंत्री देने की बात कह चुके हैं।
बिलासपुर से कांग्रेस के एक मात्र विधायक राजेश धर्माणी का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। वहीं कांगड़ा में मंत्री पद की दावेदारी में सुधीर शर्मा के अलावा यादवेंद्र गोमा और संजय रतन भी हैं। सुधीर शर्मा ने जहां एक ओर अपना वोट देकर धर्मशाला नगर निगम पर कांग्रेस को विजयी दिलाई।
वहीं यह बयान देकर कि वह व्यक्तिगत रूप से विधायकों को नगर निगम में मताधिकार के पक्ष में नहीं रहे हैं। इससे सुधीर ने इशारों ही इशारों में अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी है। इसे मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए उनकी सियासी रणनीति के तौर देखा जा रहा है।