व्यूरो रिपोर्ट
लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत को जीत दिलाने में अहम योगदान देने वाले ‘चेज मास्टर’ विराट कोहली का मानना है कि उनकी नजर उत्कृष्टता हासिल करने की बजाय बेहतरी की तलाश में रहती है और यही मानसिकता उनकी बल्लेबाजी को निखारने में मदद करती है।
विराट की एक और शानदार पारी ने टीम इंडिया को न्यूजीलैंड पर चार विकेट से जीत दिलाने में मदद की, जिससे टीम इंडिया मौजूदा आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में 5 में से 5 जीत हासिल कर शीर्ष स्थान हासिल करने में सफल रही।
इंग्लैंड के खिलाफ लखनऊ में 29 अक्टूबर को खेले जाने वाले मुकाबले से पहले विराट ने स्टार स्पोर्टस के कार्यक्रम ‘फालो द ब्लूज’ में कहा “मेरा आदर्श हमेशा बेहतरी की तलाश करना रहा है, न कि उत्कृष्टता की तलाश करना।
मैंने हमेशा इस पर काम किया है कि कैसे मैं हर दिन, हर अभ्यास सत्र, हर साल और हर सीज़न में खुद को बेहतर बना सकता हूं। इसी चीज़ ने मुझे इतने लंबे समय तक खेलने और अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की है।”
उन्होने कहा “मुझे नहीं लगता कि उस मानसिकता के बिना लगातार प्रदर्शन करना संभव है, क्योंकि अगर प्रदर्शन ही आपका लक्ष्य है, तो कुछ समय बाद कोई भी संतुष्ट हो सकता है और अपने खेल पर काम करना बंद कर सकता है।
मैं कहूंगा कि हमेशा बेहतरी का पीछा करना मेरा आदर्श रहा है, न कि उत्कृष्टता का, क्योंकि मैं ईमानदारी से नहीं जानता कि उत्कृष्टता की परिभाषा क्या है। इसकी कोई सीमा नहीं है, न ही कोई तय मानक है कि जब आप यहां पहुंचेंगे तो आपने उत्कृष्टता हासिल कर ली होगी।
इसलिए, मैं हर दिन बेहतरी की दिशा में काम करने की कोशिश करता हूं, ताकि उपयोग करने के लिए यह एक बेहतर शब्द हो।”