गर्व के आंसुओं से किया कीर्ति चक्र विजेता के बलिदान को नमन

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गर्व के आंसुओं से किया कीर्ति चक्र विजेता के बलिदान को नमन।

पठानकोट, 7 जुलाई – बी एस लूथरा

अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास पर हुए फिदायीन हमले को नाकाम कर शहादत का जाम पीने वाले आई.टी.बी.पी की 9 बटालियन के कीर्ति चक्र विजेता हवलदार अजय पठानियां का 15वां श्रद्धांजलि समारोह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष व शहीद लेफ्टिनेंट गुरदीप सलारिया शौर्य चक्र के पिता कर्नल सागर सिंह सलारिया की अध्यक्षता में गांव कानवां के आर.के रिजॉर्ट में आयोजित किया गयाा।

जिसमें कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद की माता सुदर्शना देवी, पत्नी पूनम पठानिया, बेटा अनिकेत पठानिया, बेटी रिदिमा पठानिया, भाभी शोभा पठानिया, भतीजा डा. नीतीश पठानिया, आई.टी.बी.पी की 52वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट डॉ. के. अनिल कुमार , पूर्व कैबिनेट मंत्री मास्टर मोहन लाल, पी.सी.टी ह्यूमैनिटी के संस्थापक जोगिंदर सिंह सलारिया, परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, डिप्टी डी.ई.ओ राजेश्वर सलारिया, कैप्टन रघुनाथ सिंह वीर चक्र, एस.डी.ओ नरेश त्रिपाठी, समाज सेवक इंद्रजीत सिंह बाजवा, जम्मू से विकास मन्हास, शहीद कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया परमवीर चक्र के भतीजे सूबेदार कर्ण सिंह, लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, शहीद नायक अजय सलारिया के पिता कैप्टन रछपाल सिंह, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, परिषद के प्रेस सचिव बिट्टा काटल, कृषि बैंक के पूर्व डायरेक्टर राज कुमार राजू, शहीद हवलदार अजय पठानिया यूथ क्लब के प्रधान ठाकुर बलवान सिंह, सूबेदार मेजर अवतार सैनी, सूबेदार शक्ति पठानिया, सूबेदार अमृत लाल, प्रिंसिपल मनीषा शर्मा आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

सर्वप्रथम डिप्टी कमांडेंट डॉ. के. अनिल कुमार के नेतृत्व में अमृतसर से पहुंची आई.टी.बी.पी की 52वीं बटालियन के जवानों ने शहीद के नाम पर बने सरकारी हाई स्कूल कानवां में बने शहीद अजय के स्मारक पर रीथ चढ़ा कर सलामी दी।

उसके बाद आर.के रिजॉर्ट में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में मुख्यातिथि तथा शहीद की माता सुदर्शना देवी, पत्नी पूनम पठानिया तथा अन्य मेहमानों ने शहीद अजय पठानिया के चित्र समक्ष ज्योति प्रज्वलित कर कार्यक्रम का आगाज किया।

श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने कहा कि शहीद हवलदार अजय पठानिया जिन्होंने विदेशी धरती अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास को फिदायीन हमले से बचाते हुए अपना बलिदान देकर शूरवीरता का जो इतिहास रचा उनके शौर्य व अद्वितीय कुर्बानी से उनकी यूनिट के जवान तथा देश की भावी पीढ़ी हमेशा प्रेरणा लेती रहेगी तथा ऐसे शौर्य वीर जांबाजों की शहादत को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

जिन्होंने अपनी आखिरी सांस को भी वतन पर कुर्बान कर दिया और यह काम केवल सैनिक ही कर सकते हैं इसलिए इन्हें देश का रियल हीरो कहा जाता है जिनके लिए राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरी होती है।

उन्होंने कहा कि सैनिक जो टारगेट दिया जाता है उसे वह बिना कोई बहाना बनाए अंजाम तक पहुंचाता है। चाहे उसे पूरा करने के लिए उसे अपने प्राणों की आहुति ही क्यों न देनी पड़े।

मंत्री कटारूचक्क ने कहा पंजाब शूरवीरों की भूमि है तथा देश को आजाद करवाने में 85 प्रतिशत योगदान पंजाब के वीर सपूतों का है तथा इस आजादी की गरिमा को बहाल रखने में आज भी अजय जैसे वीर सैनिक अपनें बलिदान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शहीद के नाम पर बने स्कूल में ग्रांट की कमी नहीं आने दी जाएगी, स्कूल प्रिंसिपल जिस भी काम की प्रपोजल उन्हें बना कर भेजेंगे उसे पूरा किया जाएगा।

किस्मत वालों को मिलता है वतन पर कुर्बान होने का सौभाग्य-डिप्टी कमांडेंट

डिप्टी कमांडेंट डॉ. के. अनिल कुमार ने कहा कि शहादत का गौरव हर किसी की किस्मत में नहीं होता, वो सैनिक खुशकिस्मत है जिसके भाग्य में देश पर कुर्बान होना लिखा होता है तथा हमारे जवान अजय के बलिदान से हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे और हम इनके परिजनों को यह भरोसा दिलाते हैं कि वो आई.टी.बी.पी का अपना परिवार है तथा हम हमेशा इनके साथ खड़े हैं।

पैसे के नहीं सम्मान के भूखे है शहीदों परिवार: कर्नल सलारिया

कर्नल सागर सिंह सलारिया ने कहा कि एक सैनिक देश की सुरक्षा में प्राणों की आहुति दे जाता है मगर फिर भी लोग उसे पागल कहते हैं मगर इतिहास साक्षी है। इस देश को पागलपन के जनून ने ही बचाया है।

उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवार पैसे के नहीं सम्मान के भूखे हैं इसलिए शासन प्रशासन व देशवासियों का यह फर्ज बनता है कि इन्हें उचित सम्मान देकर इनके जिगर के टुकड़ों की शहादत की गरिमा को बहाल रखें।

सैनिक के लिए परिवार से पहले राष्ट्र होता है सर्वोपरी: मास्टर मोहन लाल

पूर्व कैबिनेट मंत्री मास्टर मोहन लाल ने कहा कि एक सैनिक के लिए परिवार से पहले राष्ट्र सर्वोपरि होता है जिसकी सुरक्षा में वो अपने प्राणों की आहुति देकर अपना सैन्य धर्म निभा जाता है देश ऐसे अमर वीरों का सदैव कर्जदार रहेगा।

एक दिन नहीं हर दिन हो शहीदों के नाम: कुंवर विक्की

कुंवर रविंदर विक्की ने कहा कि शहीद हवलदार अजय पठानिया जैसे वीर सैनिकों के बलिदान को साल में एक दिन नहीं बल्कि हर दिन, हर सांस के साथ याद करना चाहिए तथा देश की भावी पीढ़ी को इन्हें अपना रोल मॉडल मानते हुए इनके पद चिन्हों पर चलने का प्रयास करना चाहिए ।

क्योंकि सरहद पर खड़ा सैनिक कठिन परिस्थितियों में तनदेही से ड्यूटी देते हुए रात भर जागता है तभी देश चैन से सोता है इस लिए हर देशवासी दिल से इनका सम्मान करे यही अजय जैसे रणबांकुरों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

प्रेरणास्रोत है अजय जैसे जांबाजों का बलिदान: सलारिया 

जोगिंदर सिंह सलारिया ने कहा कि अजय जैसे जांबाजों का बलिदान देश की भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।

जिन्होंने 14 वर्ष पहले विदेशी धरती पर बहादुरी का परचम फहराते हुए अपना बलिदान देकर देशभक्ति की जो मशाल प्रज्जवलित की उससे आज भी यह सारा क्षेत्र आलोकित हो रहा है तथा शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद ने इन शूरवीरों की स्मृति में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का जो सिलसिला शुरू किया है उससे समाज में देशभक्ति की चेतना पैदा होती है।

प्रिंसिपल मनीषा शर्मा ने आए मेहमानों का धन्यवाद करते हुए स्कूल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा स्कूल के छात्रों द्वारा देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत कर हर आंख नम कर दी।

इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित 20 अन्य शहीद परिवारों को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

ये रहे उपस्थित 

इस मौके पर ब्लॉक समिति सदस्य ठाकुर नरेश सिंह रिंपी, पूर्व सरपंच जोगिंदर पाल, पवन सिंह, राजन सलारिया, शक्ति सलारिया, हवलदार विजय सलारिया, रणबीर सिंह, चंदन ठाकुर, हेमंत कुमार, ठाकुर रणधीर सिंह, ठाकुर राजिंदर सिंह काका आदि उपस्थित थे।

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