शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने डे-बोर्डिंग स्कूल के लिए किया भूमि का निरीक्षण

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डे-बोर्डिंग स्कूल के लिए जांची जमीन; शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर बोले, विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होंगे स्कूल

व्यूरो रिपोर्ट

राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण से पूरे देश में उत्कृष्ट सरकारी स्कूलों का एक सफल मॉडल विकसित होगा। जिला कांगड़ा के दौरे पर पहुंचे शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मंगलवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए चिन्हित जमीन का निरीक्षण करते हुए ये शब्द कहे।

इस दौरान कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, विधायक फतेहपुर भवानी पठानिया, विधायक शाहपुर केवल सिंह पठानिया और विधायक इंदौरा मलेंद्र राजन भी साथ रहे। रोहित ठाकुर ने मंगलवार को ज्वाली विधानसभा के ठंगर, शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के डोहब और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मंजार में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के लिए चयनित भूमि का निरीक्षण किया।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खू के निर्देशानुसार वे जिला कांगड़ा में डे-बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण के लिए चयनित भूमि के निरीक्षण के लिए दौरे पर आए हैं। उन्होंने बताया कि जवाली विधानसभा के अन्तर्गत ठंगर में लगभग 53 कनाल और शाहपुर के डोहब में लगभग 76 कनाल भूमि डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण के लिए चिन्हित कर ली गई है।

उन्होंने बताया कि इन दोनों स्थानों में बहुत जल्द निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। वहीं, फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मंजार में डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण के लिए लगभग 80 कनाल भूमि उन्होंने देखी। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के नाम होने के बाद यहां भी डे-बोर्डिंग स्कूल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के बच्चों के लिए शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा में बनने वाला डे-बोर्डिंग स्कूल विश्वस्तरीय व्यवस्थाओं से लैस होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार लगभग 100 कनाल भूमि पर लगभग 70 करोड़ की लागत से इन स्कूलों का निर्माण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में इन स्कूलों में पांचवी कक्षा तक पढ़ाई करवाई जाएगी। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से इन्हें 12वीं कक्षा तक स्तरोन्नयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को हर सुविधा उपलब्ध हो इसलिए इनका निर्माण जिला या उपमंडल मुख्यालय के पांच किलोमीटर रेडियस में किया जाएगा।

जल्द अपगे्रड होंगे संस्थान

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में केवल दो ही राजकीय महिला बहुतकनीकी संस्थान हैं। इनमं एक रैहन और दूसरा कंडाघाट में स्थित है। उन्होंने कहा कि लगभग 42 करोड़ की लागत से बना यह संस्थान प्रदेश के महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों में से एक हैै।

उन्होंने कहा कि इस संस्थान में न केवल हिमाचल बल्कि पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तराखंड जैसे पड़ोसी राज्यों के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण करते हैं। बेटियों की शिक्षा के लिए एक अच्छा संस्थान विकसित हो इसके लिए प्रयास सरकार द्वारा किए जाएंगे।

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