आरोप है कि प्रधान ने ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए पांच लाख रुपये के बिल पास कर दिए, जबकि मौके पर यह सड़क बनी ही नहीं है।
चम्बा – अनिल संबियाल
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पंचायत प्रधान की कथित धांधलियों पर कड़ा संज्ञान लिया है। प्रधान के खिलाफ बिना सड़क बने ही ठेकेदार के पांच लाख के बिल पास करने का आरोप लगाया गया है। अदालत ने मुख्य सचिव सहित पंचायत विभाग को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब तलब किया है।
मामले की सुनवाई तीन अप्रैल को निर्धारित की गई है। चंबा जिले की ग्राम पंचायत सेई कोठी के उपप्रधान ने यह याचिका दायर की है। उपप्रधान लाल चंद ने दलील दी कि 26 जुलाई 2022 को उसकी अध्यक्षता में पंचायत की बैठक हुई थी।
इसमें केवल तीन प्रस्ताव पारित किए गए थे। आरोप लगाया कि पंचायत प्रधान सोनाली रश्पा ने बाद में प्रस्ताव संख्या चार से नौ की प्रविष्टि बाद में की और अपने हस्ताक्षर से सत्यापित कर दी।
हालांकि, वह पंचायत की बैठक के दिन मौजूद नहीं थीं। आरोप लगाया है कि प्रस्ताव संख्या चार से प्रधान ने ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए पांच लाख रुपये के बिल पास कर दिए, जबकि मौके पर यह सड़क बनी ही नहीं है।
इससे पहले पंचायत ने सेई कोठी पुल से खाबली नाला तक लिंक रोड बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। जब इस सड़क का निर्माण शुरू किया गया तो इसके खिलाफ सिविल अदालत में मुकदमा दायर किया गया। आरोप लगाया गया कि इसके बाद इस सड़क का निर्माण वन भूमि से शुरू किया गया।
इस पर वन विभाग ने ठेकेदार पर जुर्माना लगाया है और निर्माण कार्य को बंद कर दिया। वास्तव में इस सड़क का निर्माण ही नहीं किया गया और फर्जी प्रस्ताव के माध्यम से ठेकेदार के पांच लाख रुपये के बिल पास कर दिए।
यह भी आरोप लगाया है कि पंचायत प्रधान कभी-कभी कार्यालय आती हैं। ज्यादातर वह धर्मशाला में अपनी उच्च शिक्षा को पुरा करने में व्यस्त रहती हैं।
अदालत को बताया गया कि इस बारे में उपायुक्त चंबा और पंचायत विभाग को शिकायत की गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अदालत से गुहार लगाई गई है कि 26 जुलाई 2022 के प्रस्ताव संख्या चार से नौ को निरस्त किया जाए।