2020 में चंबा डिपो में हुआ था घोटाला
चम्बा – अनिल संबियाल
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के चंबा डिपो में 40 लाख रुपये के घोटाले में आरोपित कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया है। कर्मचारी पर एचआरटीसी के परिचालकों के ओवरटाइम व अन्य भत्तों की आधी राशि गड़बड़ी करते हुए आधी राशि अपने खाते में ट्रांसफर करने का आरोप था।
चंबा डिपो में तैनाती के दौरान सीनियर आडिटर सुरेंद्र कुमार पर लगे आरोपों की जांच में दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई। एचआरटीसी परिचालकों के नाइट ओवरटाइम व अन्य बकाया राशि के बिल इसी कर्मचारी से होकर स्वीकार होते थे।
आरोपित वर्तमान में एचआरटीसी के रोहड़ू डिपो में तैनात
सुरेंद्र कुमार परिचालकों को जारी होने वाली कुल राशि में से कुछ हिस्सा अपने खाते में ट्रांसफर करता था। इस तरह से आरोपित ने कुल 40 लाख रुपये की राशि अपने खाते में जमा करवा ली। आरोपित वर्तमान में एचआरटीसी के रोहड़ू डिपो में तैनात था।
इस मामले में पहले एक क्षेत्रीय प्रबंधक व अनुभाग अधिकारी सहित चार कर्मचारी निलंबित किए थे। उनमें से एक कर्मचारी लापता हो गया था, जिसका तीन माह बाद शव बरामद हुआ था।
2020 में सामने आया घोटाला
24 जून 2020 को भारतीय मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष की ओर से इस मामले को उठाया गया था। 40 लाख रुपये का घोटाला करने की बात सामने आई थी। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर भी की गई थी। तत्कालीन भाजपा सरकार ने कार्रवाई करते हुए पांच कर्मचारियों को निलंबित किया गया था। इन्हें बाद में बहाल किया गया था।
भाजपा ने नहीं की कार्रवाई
भारतीय मजदूर संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष शंकर सिंह ठाकुर ने कहा 40 लाख रुपये के घोटाले मामले को हम लगातार उठाते रहे थे। जिसकी जांच एक साल पहले पूरी हो चुकी थी मगर भाजपा कार्रवाई नहीं की कर रही थी। सुक्खू सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की है। उम्मीद है कि इस मामले में शामिल सभी दोषियों इसी तरह से कार्रवाई होगी।