सिपाही से DSP बने जितेंद्र कंवर ने पाया राष्ट्रपति पुलिस पदक, चयन की ये वजह

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सिरमौर – नरेश कुमार राधे

सिरमौर के सराहां उपमंडल की नैनाटिक्कर पंचायत के मोहाणा गांव के रहने वाले जितेंद्र सिंह कंवर को मेरिटोरियस सेवा में राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा गया है। गृह मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर ये पदक हासिल करने वालों की सूची जारी की है।

हिमाचल से डीएसपी रैंक के दो अधिकारियों का चयन हुआ, जबकि एक सुब इंस्पेक्टर व एक हेड कांस्टेबल का भी शामिल है। 1983 में सिपाही के पद से कैरियर शुरू करने वाले डीएसपी जितेंद्र ने पुलिस विभाग में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की हैं।

गौरतलब है कि उन्हें 1983 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष टीएस नेगी का पीएसओ भी तैनात किया गया था। पिता दिवंगत जीवन सिंह कंवर भी डीएसपी के पद से सेवानिवृत हुए थे, उन्हें भी उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। मौजूदा में डीएसपी जितेंद्र कंवर प्रथम आईआरबी जुन्गा में सहायक कमांडेंट के पद पर तैनात है।

ये है कैरियर से जुड़ी खास बातें

7 अप्रैल 1965 को जन्मे जितेंद्र सिंह कंवर ने पुलिस विभाग में 21 दिसंबर 1983 को बतौर कांस्टेबल कैरियर शुरू किया था। 1985-1990 तक पीटीएस (PTS) जुन्गा में ड्रिल इंस्ट्रक्टर रहे। 2011-12 में भूतपूर्व सैनिकों को भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके बाद पीएसओ (PSO) इंस्ट्रक्टर कोर्स एनएसजी(NSG) मानेसर से पूरा किया।

डीएसपी जितेंद्र सिंह एक प्रशिक्षित कमांडो भी हैं। पंजाब में आतंकवाद के दौर के दौरान स्पेशल टास्क स्क्वाड में रहे। पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर अपनी सेवाएं प्रदान की। सदर थाना सोलन में गैंगरेप के आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।

2003-2004 में तीन साल की बच्ची के अपहरण के मामले को क्रैक करने में सफलता हासिल की थी। तीन साल की मासूम बच्ची  को दिल्ली से सुरक्षित बरामद  किया गया था। आरोपी भी सलाखों के पीछे धकेल दिए गए थे।

नालागढ़ में थाना प्रभारी रहने के दौरान पंजाब रोडवेज की बस नदी की बाढ़ में फंस गई थी। इस दौरान यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने में भी अहम जिम्मेदारी निभाई।

अगस्त 2022 में इंस्पेक्टर से डीएसपी के रैंक पद पर जितेंद्र सिंह ने बद्दी में सेवाएं प्रदान करने के दौरान हत्या, अपहरण, एनडीपीएस, एक्साइज एक्ट, वन संरक्षण अधिनियम की वारदातों को सफलतापूर्वक क्रैक करने में सफलता अर्जित की थी।

सीडीटीआई चंडीगढ़ में तीन महीने के एडवांस कोर्स में डीएसपी जितेंद्र सिंह ने प्रथम स्थान अर्जित किया था। इसमें पांच राज्यों के पुलिस अधिकारियों के अलावा सैन्य अधिकारियों ने भी कोर्स में हिस्सा लिया था। प्रथम स्थान अर्जित करने पर जितेंद्र सिंह को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो दिल्ली के निदेशक द्वारा 5 हजार की नगद राशि भी दी गई थी।

छठी आईआरबी बटालियन धौला कुआं में रहने के दौरान उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब व नक्सल प्रभावित इलाकों में चुनावी ड्यूटी के दौरान कंपनी कमांडर व सहायक कंपनी कमांडर के तौर पर जिम्मेदारी का बखूबी वहन किया। 2013 में डीजीपी डिस्क अवार्ड भी हासिल किया था। इसके अलावा प्रथम श्रेणी का सीसी ईनाम दो बार हासिल कर चुके है।

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