नाकाम इंजीनियर बड़ोग पर लगा था 1 रुपये जुर्माना, फिर टनल बनाने में बाबा ने की मदद, काफी हॉन्टेड है दुनिया की सबसे सीधी ये टनल, चंडीगढ़ से कालका से लगभग 70 किमी दूर बड़ोग स्टेशन आता है. यहां पर एक टनल है और इस सुरंग का नाम ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग के नाम पर रखा गया है.
शिमला – नितिश पठानियां
ब्रिटिशकाल में गर्मियों में सरकार और शासन हिमाचल प्रदेश की राजधानी से चलता था. यही कारण है कि शिमला को समर कैपिटल ऑफ इंडिया कहा जाता था. अंग्रेजों ने शिमला तक का सफऱ आसान करने के लिए कालका शिमला रेल ट्रैक का निर्माण किया था.
दरअसल, कालका-शिमला हैरिटेज ट्रैक पर वैसे तो 102 सुरंगें हैं. लेकिन सोलन के बड़ोग में टनल-33 का इतिहास काफी दिलचस्प है. इस टनल के निर्माण की कहानी काफी रोचक है. यूनेस्को ने इस पूरे ट्रैक को वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स में शामिल किया है.
चंडीगढ़ से कालका से लगभग 70 किमी दूर बड़ोग स्टेशन आता है. यहां पर एक टनल है और इस सुरंग का नाम ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग के नाम पर रखा गया है. 1143.61 मीटर लंबी यह सुरंग काफी हॉन्टेड मानी जाती है. साथ ही माना जाता है कि यह दुनिया की सबसे सीधी सुरंग है. इसे पार करने में ट्रेन को ढाई मिनट लगते हैं.
जब टनल के दोनों छोर नहीं मिले तो ब्रिटिश सरकार ने बड़ोग पर पैसे की बर्बादी करने के लिए 1 रुपये का जुर्माना लगाया. इस पर बड़ोग काफी शर्मिंदा हुए और उन्होंने सुरंग के पास खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
कहा जाता है कि बड़ोग को टनल के सामने ही दफना दिया गया था और जिस जगह पर उन्होंने खुद को गोली मारी थी, वहां आज बरोड़ पाइनवुड होटल है.
बड़ोग की आत्महत्या के बाद सुरंग बनाने की जिम्मेदारी एच.एस. हेरिंगटन को सौंपी गई थी. बता दें कि सन 1900 में इस टनल का निर्माण शुरू हुआ था और 1903 में यह पूरा हुआ. तब इस पर 8 लाख 40 रुपये का खर्च आया था.
हालांकि, एचएस हेरिंगटन को सुरंग निर्माण का जिम्मा सौंपा गया. वे भी सुरंग का काम पूरा नहीं कर पाए तो सोलन के चायल के बाबा भल्कू राम ने इसमें मदद की.
शिमला गजट के मुताबिक, बाबा भलकू ने इस लाइन पर कई अन्य सुरंगें खोदने में भी ब्रिटिश सरकार की मदद की. बाद में वॉयसराय ने उन्हें एक पगड़ी और मेडल से सम्मानित किया था. शिमला में बाबा भुल्कू राम म्यूजियम भी है.
कहा जाता है कि इंजीनियर की मौत के बाद यहां अप्रिय घटनाएं पेश आई हैं. साथ ही दावा किया जाता है कि कई लोगों को इंजीनियर की आत्मा दिखाई देती है.