कोटला – स्वयम
पठानकोट-मंडी नेशनल हाइवे पर 32 मील के नजदीक एक नाले में सरकारी दवाइयों की पड़ी हुई बोतलें व ट्यूबें मिली हैं जिससे विभागीय कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं। पैरासिटामोल की करीबन 400 से 500 बोतल, व क्लोट्रिमाजोल एंड डिप्रोपयोनट क्रीम तथा क्लोट्रिमाजोल एंड वेक्लोमैथाजोन डिप्रोपयोनट क्रीम की ट्यूब्स पड़ी मिली हैं।
इनके ऊपर एचपी गवर्नमेंट सप्लाई, नॉट फार सेल’ अंकित है तथा यह दवाइयां एक्सपायरी हो चुकी हैं। किसी सरकारी अस्पताल द्वारा ही एक्सपायरी होने के बाद इन दवाइयों को नाले में फेंका गया है। प्रदेश सरकार द्वारा हर व्यक्ति को मुफ्त दवाई उपलब्ध करवाने लिए सरकारी अस्पतालों में लाखों की दवाइयां भेजी जाती हैं लेकिन अस्पतालों में मरीजों को दवाइयां नहीं मिलती हैं।
ऐसे में जब दवाइयां एक्सपायरी हो जाती हैं तो उनको फैंक दिया जाता है। 32 मील के नजदीक भी इसी वजह से ही एक्सपायरी दवाइयों की खेप फैंकी गई है। बुद्धिजीवियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर राजीव सहजल से मांग की है कि इसकी जांच करवाई जाए तथा जिस भी अस्पताल द्वारा यह दवाइयां फैंकी गई हैं, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
स्वास्थ्य मंत्री के बोल
इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर राजीव सहजल ने बताया कि मुझे इसकी जानकारी मीडिया से मिली है। अगर एक्सपायरी दवाइयों की खेप मिली है तो मुख्य चिकित्साधिकारी को इसकी जांच करने के निर्देश दिए जाएंगे व कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।