16 मौतों के लिए कौन जिम्मेदार? बिलासपुर नई दुर्घटना नहीं, दो दिन पहले भी गिरा था मलबा, फिर भी नहीं चेता प्रशासन

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बिलासपुर बस पर मलबा, 16 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप, पहले भी गिरा था मलबा।

बिलासपुर – सुभाष चंदेल

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के तहत बरठीं में भल्लू पुल के समीप मंगलवार सायं लगभग 6:30 बजे चलती निजी बस पर पहाड़ी से मलबा गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई। हादसा इतना भयानक था कि मलबे की चपेट में आने से बस की बाडी उखड़कर खड्ड के किनारे जा गिरी। पूरी बस मिट्टी व पत्थरों के नीचे दब गई। इससे पहले भी हिमाचल में भूस्खलन से पहले कई हादसे हो चुके हैं।

भल्लू पुल के पास हुए इस हादसे में मरोतन से घुमारवीं की ओर जा रही एक निजी बस पर अचानक पहाड़ी से मलबा गिर गया, जिससे बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। बस में करीब 30 यात्री सवार थे, जिनमें से 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई घायल हैं।

इस हादसे की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पहाड़ी से दो दिन पहले भी मलबा गिरा था, लेकिन फिर भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब यह सवाल उठ रहा है कि अगर पहले से खतरे के संकेत मिल चुके थे, तो उन्हें नजर अंदाज क्यों किया गया?

स्थानीय लोगों की मानें तो यह पहाड़ी पहले से ही रेतीली और कमजोर थी। यह इलाका बरसात में और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है क्योंकि मिट्टी और छोटे-छोटे पत्थर आसानी से नीचे खिसकने लगते हैं। यहां पर दो दिन पहले भी इसी स्थान पर मलबा गिरा था, जिसे प्रशासन द्वारा हटवा दिया गया था।

लेकिन इसके बाद वहां कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया, न ही उस मार्ग को बंद किया गया। लोगों का कहना है कि प्रशासन ने खतरे को नजरअंदाज किया और यह लापरवाही अब जानलेवा साबित हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पहाड़ी क्षेत्र में चोरी-छिपे माइनिंग भी होती रही है। हालांकि इस बारे में कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।

लेकिन लोगों का दावा है कि रात के समय भारी मशीनों की आवाजें और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की आवाजाही देखी जाती रही है। इस पूरे मामले में स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने पहले मिले संकेतों को गंभीरता से नहीं लिया। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते उचित कदम उठाए होते, तो शायद यह हादसा टल सकता था।

यह उठ रहे सवाल

  1. दो दिन पहले मलबा गिरने के बाद क्यों कोई साइनबोर्ड नहीं लगाया गया।
  2. किसी भी ड्राइवरों को कोई चेतावनी नहीं दी गई।
  3. न ही कोई अस्थायी ट्रैफिक कंट्रोल किया गया।

हिमाचल में भूस्खलन से हुई बड़ी घटनाएं

  • 12 अगस्त, 2017 : मंडी जिले के कोटरोपी में पहाड़ी दरकने से दो बसें चपेट में आने से 49 की जान चली गई थी।
  • 11 अगस्त, 2021: किन्नौर जिले के में निगुलसरी में पहाड़ दरकने से हुए हादसे में 10 लोगों की मौत हुई है जबकि 13 घायल हुए।
  • 29 दिसंबर, 2024 : कार पर पत्थर गिरने से मंडी के सात मील में एक महिला की मौत हुई थी। पति व बच्ची घायल हुए थे।
  • आठ अगस्त, 2025 : चंबा जिले के तीसा के भंजराडू-शहवा-भड़कवास मार्ग पर कार पर पहाड़ी से पत्थर गिरने से छह लोगों की मौत हो गई थी।
  • तीन सितंबर, 2025 : शिमला जिला के रामपुर में निजी बस पर चट्टानें गिरने से दो महिलाओं की मौत व कई लोग घायल हो गए थे।
  • 11 सितंबर, 2025 : चंडीगढ़- मनाली हाईवे (मंडी) पर मनाली से हरिद्वार जा रही परिवहन निगम की बस पर पत्थर गिरने से एक बच्ची घायल हो गई।
  • 12 अगस्त, 2025 : चंबा जिला के चुराह में एक निजी बस की छत पर पहाड़ी से चट्टान आ गिरी, इससे तीन यात्री घायल हुए।
  • 17 अगस्त, 2025 :सिरमौर जिला के राजगढ़ में सनौरा-नेरीपुल सड़क पर निगम की बस पर पत्थर गिरने से चालक सहित कुछ लोगों को चोटें आईं।
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