हिमाचल – प्रेशर हॉर्न वाले हो जाये सावधान,उपयोगकर्ताओं को मिलेगी कड़ी सजा

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ध्वनि प्रदूषण रोकने को पुलिस छेड़ेगी मुहिम

शिमला – नितिश पठानियां

प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए पुलिस 15 से 30 सितंबर तक विशेष अभियान चलाएगी। इस विशेष अभियान में प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करने पर पुलिस वाहनों का चालान करने के साथ वाहन को जब्त तक कर सकती है।

यातायात, पर्यटक और रेलवे पुलिस के डीआईजी गुरदेव चंद शर्मा ने प्रदेश के एसपी को ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने के लिए निर्देश जारी किए हैं। बीते 24 अगस्त को प्रदेश सचिवालय में उपमुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में आयोजित राज्य परिवहन विकास एवं सडक़ सुरक्षा परिषद की चौथी में बैठक में इसको लेकर निर्णय लिया गया।

बैठक में चिंता जाहिर की गई कि ध्वनि प्रदूषण से प्रदेश के लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसको देखते हुए इस संदर्भ में कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। गौर हो कि कई जिला मुख्यालयों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा साइलेंस जोन पहले ही घोषित/अधिसूचित किए जा चुके हैं।

उदाहरण के लिए शिमला शहर में तीन जनवरी 2017 के जारी किए गए आदेश में 24 शांत क्षेत्र घोषित किए गए हैं। इसके तहत उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ व्यापक और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। वाहन चालकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्रेशर हॉर्न और अन्य उपकरणों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से संबंधित उल्लंघनों का प्रवर्तन मुख्य रूप से भारतीय कानून के तहत कई कानूनी प्रावधानों द्वारा नियंत्रित होता है।

यहां मुख्य प्रावधान दिए गए हैं, जिसमें मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत धारा 190(2) वाहन मालिकों और चालकों के खिलाफ दंड जो अपने वाहनों में शोर मानकों का उल्लंघन करते हैं, जिसमें प्रेशर हॉर्न का उपयोग भी शामिल हैं।

डीआईजी टीटीआर गुरदेव चंद शर्मा के बोल

उधर, डीआईजी टीटीआर गुरदेव चंद शर्मा का कहना है कि सभी जिलों के एसपी को 15 से 30 सितंबर 2024 तक प्रभावी 15 दिवसीय विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वाहनों में प्रेशर हॉर्न के उपयोग, अन्य अनधिकृत हॉर्निंग उपकरणों का उपयोग, अधिसूचित मौन क्षेत्रों के भीतर उल्लंघन पर कार्रवाई करें।

ध्वनि प्रदूषण पर इन नियमों के तहत होगी कार्रवाई

केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में नियम 119 यह निर्दिष्ट करता है कि प्रत्येक मोटर वाहन में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप इलेक्ट्रिक हॉर्न या अन्य उपकरण लगाए जाने चाहिए। यह बहु-स्वर वाले या कर्कश ध्वनि वाले हॉर्न के उपयोग को प्रतिबंधित करता है। नियम 120 निर्धारित शोर स्तर से अधिक किसी भी हॉर्न की स्थापना और उपयोग को प्रतिबंधित करता है।

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