करुणामूलक आधार पर नौकरी का रास्ता देख रहे लोगों के लिए विधानसभा से अच्छी खबर आई है। जयराम ठाकुर ने आश्वस्त किया कि आने वाले समय में सरकार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित करेगी जो करुणामूलक मामलों से संबंधित सभी विषयों का निपटारा करेगी।
शिमला-जसपाल ठाकुर
हिमाचल प्रदेश में करुणामूलक आधार पर नौकरी का रास्ता देख रहे लोगों के लिए विधानसभा से अच्छी खबर आई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदन को आश्वस्त किया कि आने वाले समय में सरकार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित करेगी जो करुणामूलक मामलों से संबंधित सभी विषयों का निपटारा करेगी।
उन्होंने कहा कि पहले व्यवस्था थी कि 50 वर्ष की आयु के बाद किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाने के उपरांत उस परिवार के आश्रित को सरकारी नौकरी प्राप्त नहीं होती थी। जबकि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद व्यवस्था की है कि सरकारी कर्मचारी की सेवाकाल के अंतिम दिन भी यदि मृत्यु होती है तो उसके परिवार के आश्रित को रोजगार की पात्रता प्राप्त होगी।
सरकार ने करुणामूलक आधार के तहत आय सीमा को भी दो बार बढ़ाया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना था कि करुणामूलक आधार पर नौकरियां नहीं मिलने के चलते चौड़ा मैदान में जरूर धरना दे रहे हैं। यह मामला बेहद संवेदनशील है।
इस पर सरकार को विचार करना चाहिए और समाधान निकालना चाहिए। कांग्रेस विधायक मुकेश अग्निहोत्री, निर्दलीय विधायक प्रकाश राणा, कांग्रेस विधायक इंद्र दत्त लखन पाल, पवन कुमार काजल, रामलाल ठाकुर द्वारा संयुक्त रुप से करुणामूलक आश्रितों को रोजगार प्रदान करने के मामले में सवाल पूछा गया था।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने करुणामूलक आश्रितों के हितों को ध्यान में रखते हुए 7 मार्च 2019 को संशोधित नीति जारी की है। सरकार के पास करुणामूलक आधार पर कुल 2773 मामले लंबित है। सभी विभागों को नीति के अनुरूप करुणामूलक आधार पर उपलब्ध रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने के निर्देश दिए गए हैं। जनवरी 2018 से लेकर 31 जनवरी 2021 तक करुणामूलक आधार पर प्रदेश के विभिन्न विभागों में कुल 706 नियुक्तियां दी गई है।

