हिमाचल सरकार के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा को आयुर्वेदिक चिकित्सकों का तबादला करना महंगा पड़ा। उन्हें 30 दिन में विभाग से बदल दिया गया है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों की पोस्टिंग प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र पांगी लाहुल-स्पीति में हुई
शिमला, जसपाल ठाकुर
हिमाचल सरकार के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा को आयुर्वेदिक चिकित्सकों का तबादला करना महंगा पड़ा। उन्हें 30 दिन में विभाग से बदल दिया गया है।
आयुर्वेदिक चिकित्सकों की पोस्टिंग प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र पांगी, लाहुल-स्पीति में हुई, मगर ऐसे 200 चिकित्सक नेताओं से नजदीकियां होने के कारण शिमला शहर सहित सुविधा के क्षेत्रों में सेवा दे रहे थे।
परिणामस्वरूप जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल रही। राजधानी शिमला में ही 75 चिकित्सक कई वर्ष से डटे हुए हैं। ये पपरोला व सोलन में प्रतिनियुक्ति पर हैं, जबकि इनका वेतन दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य संस्थानों से निकल रहा है।
ओंकार शर्मा ने ऐसे चिकित्सकों की पदोन्नति को रद किया और तबादला स्थल पर भेजने के निर्देश जारी किए। इस पर सरकार ने उनसे आयुर्वेद विभाग वापस ले लिया। एक माह में ओंकार का तीसरी बार तबादला किया गया है। वर्तमान भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से ओंकार का नौ बार तबादला किया जा चुका है।
आइएएस अधिकारी का बार-बार तबादला करने पर भड़के माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार के लचर निर्णयों से जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।
ओंकार ने हाल ही में पांगी व लाहुल-स्पीति के कुछ चिकित्सकों की पदोन्नति रद की थी। ये चिकित्सक एक साल तक अब पदोन्नत नहीं हो सकेंगे। ओंकार ने कहा कि मैंने सरकार के तबादला आदेशों का पालन किया है। जो जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई है, उसका पालन होगा।