हिमाचल के छात्रवृत्ति घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, 18.27 करोड़ की संपत्तियां जब्त

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शिमला – नितिश पठानियां

हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 18.27 करोड़ रुपये मूल्य की पांच अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम 2002 के तहत की गई है। जब्त की गई संपत्तियों में हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में स्थित भूमि और फ्लैट शामिल हैं।

125 बीघा भूमि और दो फ्लैट जब्त

ईडी की जांच में सामने आया कि छात्रवृत्ति घोटाले से अर्जित धन का इस्तेमाल संपत्तियों की खरीद में किया गया। इस क्रम में सिरमौर जिले के नाहन में स्थित मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर दर्ज 125 बीघा कृषि भूमि को जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा हरियाणा के पंचकूला में स्थित दो फ्लैट भी ईडी की कार्रवाई के दायरे में आए हैं जो ट्रस्ट की ट्रस्टी प्रीति बंसल और ऋचा बंसल के नाम पर दर्ज हैं।

फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों की हेराफेरी

ईडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस, कालाअंब, सिरमौर द्वारा संचालित इस ट्रस्ट ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों की छात्रवृत्ति राशि में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया। घोटाले का समय 2013 से 2018 के बीच का है जब यह संस्थान हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा चलाई जा रही पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत करोड़ों रुपये की हेराफेरी में लिप्त रहा।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि संस्थान ने फर्जी छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति का दावा किया। कई ऐसे छात्रों के नाम पर सरकारी सहायता ली गई, जो संस्थान में कभी दाखिल ही नहीं हुए थे। कुछ छात्रों ने कोर्स बीच में ही छोड़ दिया, लेकिन उनके नाम पर पूरी छात्रवृत्ति ली गई।

कोर्स और जाति वर्ग में भी हेरफेर किया गया ताकि अधिक फंड प्राप्त किया जा सके। कई छात्रों को “डे-स्कॉलर” की बजाय “होस्टलर” दिखाकर अतिरिक्त सहायता राशि ली गई। इसी तरह, दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस लर्निंग) के नाम पर फर्जी शुल्क संरचना बनाकर भी अनुदान राशि हड़प ली गई।

अब तक 29 करोड़ की संपत्ति जब्त

छात्रवृत्ति घोटाले से अर्जित काले धन से खरीदी गई संपत्तियों पर ईडी ने शिकंजा कस दिया है। इससे पहले भी ईडी द्वारा 2.80 करोड़ रुपये के बैंक खाते फ्रीज किए जा चुके हैं और 80 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई थी। अब तक इस घोटाले में कुल 29 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं।

छह आरोपी गिरफ्तार, जांच जारी

इस मामले में ईडी पहले ही छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। 30 जनवरी 2025 को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इससे पहले 30 अगस्त 2023 को चार अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ईडी का कहना है कि इस घोटाले में शामिल अन्य दोषियों की भी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।

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