शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत अब पूरे हिमाचल को ही आपदा ग्रस्त घोषित कर दिया है। चंबा और कांगड़ा का दौरा करके आए मुख्यमंत्री सुक्खू ने सोमवार को विधानसभा में स्टेटमेंट रखते हुए यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब सभी जिलों के उपायुक्त अपनी स्थिति के अनुसार डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपदा ग्रस्त घोषित करने के बाद भारत सरकार से क्लेम लेने में भी हिमाचल को मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के लिखे पत्र और समर्थन के लिए उनका सदन में धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि शांता कुमार ने हिमाचल को आपदा से लड़ने के लिए 20,000 करोड़ का स्पेशल पैकेज देने की मांग केंद्र सरकार से की है। साथ ही अपने पत्र में प्रधानमंत्री को यह भी लिखा है कि बैंकों में 2 लाख करोड़ का जो बिना क्लेम किया पैसा पड़ा है, उसमें से डिजास्टर रिलीफ दिया जाए।
मुख्यमंत्री के आग्रह पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने शांता कुमार की इस मांग के समर्थन में प्रस्ताव को पारित करवाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 अगस्त से 1 सितंबर के बीच चंबा, कुल्लू, लाहौल स्पीति, मंडी, कांगड़ा, शिमला और हमीरपुर जिला में नुकसान हुआ है। अभी तक 3000 करोड़ से ज्यादा का लॉस हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्यों में लगी है। मणिमहेश यात्रा में फंसे कुल 15000 तीर्थ यात्रियों में से 10000 सुरक्षित निकाल लिए गए हैं, जबकि शेष बचे यात्रियों के लिए हवाई सेवाओं का इंतजाम किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मणिमहेश में अब तक 16 लोगों की डेथ हुई है। चार शव अभी कुगती में पड़े हैं और उन्हें निकालने के लिए जिला प्रशासन ने 20 पोर्टर की व्यवस्था कर दी है।
सीएम ने कहा कि वह खुद चंबा का दौरा करके आए हैं, जबकि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी अभी भी भरमौर में कैंप कर रहे हैं।
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग, मुख्य अभियंता धर्मशाला और डीआईजी कांगड़ा के साथ मंडल आयुक्त कांगड़ा को भी चंबा भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंबा पठानकोट सडक़ सभी वाहनों के लिए खोल दी गई है, जबकि चंबा से भरमौर की तरफ 25 किलोमीटर की सडक़ खुली है।
चंबा, सलूनी, पदरी जोत सडक़ खोल दी गई है ताकि जम्मू कश्मीर के यात्रियों को इस मार्ग से भेजा जा सके। कांगड़ा की तरफ से भरमौर में चल रहे बचाव कार्य के लिए तीन सेटेलाइट फोन भी दिए गए हैं, जबकि एयरटेल का 2जी नेटवर्क बहाल कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग की बहाली का काम चल रहा है, जबकि कटौला मार्ग छोटे वाहनों के लिए खुला है। सब्जी और अन्य सामग्री की गाडिय़ां पहले निकल जा रही हैं।
एनएचएआई के अधिकारी भी कुल्लू मनाली के बीच हुए नुकसान को ठीक करने के लिए पहुंच गए हैं। बंजार को छोडक़र पूरे कुल्लू क्षेत्र में संचार व्यवस्था ठीक हो गई है और पुराना मनाली पुल भी बहाल कर दिया है।
लाहौल स्पीति में भी स्थिति सुधर रही है और वहां एक गर्भवती महिला और एक बच्चे को मिलाकर कुल पांच मरीजों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकला गया है।
जरूरत पड़ी तो मशीनें उठाने के लिए मंगवाएंगे हैलीकॉप्टर
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भरमौर में दो हेलीकॉप्टर खड़े किए हैं, लेकिन मौसम बाधा बन रहा है। जहां पर सडक़ टूटी है यदि जरूरत पड़ी तो सेना का हेलीकॉप्टर जो मशीन को उठाकर वहां पहुंचा सके, उसे भी मंगवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि जेएसडब्लू कंपनी की पोकलेन मशीन सडक़ खोलने के लिए लगाई थी। सुबह उस पर बड़ा पत्थर गिरा है, जिससे काफी नुकसान हुआ है। चालक हालांकि पूरी तरह सुरक्षित है। इस तरह की चुनौतियां इस काम में आ रही हैं।