शिमला – नितिश पठानियां
राज्य सरकार ने किडनी के मरीजों को बड़ी राहत दी है। ऐसे मरीज जो प्राइवेट अस्पताल में उपचार करवा रहे थे उन्हें अब दूसरी जगह जाने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत मिल रही डायलिसिस सेवाओं को 30 नवंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है।
इससे पहले निजी अस्पतालों में हिमकेयर योजना को राज्य सरकार ने सितंबर माह से रोकने की बात कही थी। इसके बाद से किडनी संबंधित बीमारियों से पीडि़त मरीज और उनके परिजन चिंता में थे। जिन मरीजों का उपचार निजी अस्पतालों में चल रहा था और डायलिसिस की जरूरत थी उन्हें नया अस्पताल ढूंढने की नौबत आ गई थी।
लेकिन अब नवंबर माह तक उनका उपचार पहले की तरह ही चलता रहेगा। हालांकि अन्य आदेश पहले की तर्ज पर ही लागू होंगे। उनमें कोई भी नया बदलाव नहीं किया गया है। मौजूदा समय में प्रदेश भर में 147 निजी अस्पताल ऐसे हैं, जिनमें हिमकेयर कार्ड के तहत उपचार मिल रहा है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 30 अगस्त को प्राइवेट अस्पताल में सेवाएं रोकने की बात कही थी। हालांकि इस दौरान हिमकेयर योजना के भुगतान को जारी रखने का भी फैसला किया था। राज्य सरकार को हिमकेयर योजना के तहत करीब एक हजार करोड़ रुपए का भुगतान करना है।
इनमें 550 करोड़ रुपए का भुगतान सरकारी क्षेत्र में है, जबकि 450 करोड़ रुपए का भुगतान निजी क्षेत्र में है। हिमकेयर योजना के विवादों में घिरने और ईडी की दबिश के बाद उठे सवालों को देखते हुए राज्य सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में योजना के तहत उपचार पर रोक का फैसला किया था और अब इस फैसले में संशोधन किया गया है। जिसमे डायलिसिस पर पहले जारी हुए आदेश लागू नहीं होंगे।
प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री हिमाचल हेल्थकेयर योजना (हिमकेयर) में संशोधन किया गया है। योजना में संशोधन किए जाने से अब निजी अस्पताल मरीजों को एक सिंतबर से 30 नवंबर तक डायलिसिस सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि योजना के अन्य प्रवधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि व्यापक जनहित में यह फैसला लिया गया है ताकि गुर्दे की बीमारियों से ग्रसित मरीजों को डायलिसिस की निर्बाध सुविधा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ हरसम्भव कदम उठाए जा रहे हैं।