सीएम सुक्खू बोले- हमीरपुर में जल्द गठित होगा राज्य चयन आयोग, इस साल 10 हजार पद भरेंगे

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कर्मचारी चयन आयोग की जगह जल्द ही हमीरपुर में राज्य चयन आयोग का गठन किया जाएगा। 6,000 हजार शिक्षकों की भर्ती चयन आयोग के माध्यम से की जाएगी। 

हमीरपुर – व्यूरो रिपोर्ट

पेपर लीक मामले में भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग की जगह जल्द ही हमीरपुर में राज्य चयन आयोग का गठन किया जाएगा। 6,000 हजार शिक्षकों की भर्ती चयन आयोग के माध्यम से की जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गृह जिले हमीरपुर के नादौन में मुख्यमंत्री संबल योजना के शुभारंभ पर जनसभा को संबोधित करते हुए कही।

कहा कि जल्द कैबिनेट बैठक होने वाली है। तीन हजार अभी भरे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिट्टे व अन्य तस्करी को राकने के लिए स्पेशल कमांडो फोर्स का गठन किया जा रहा है। इसमें 1200 पद भरे जाएंगे। इसी साल करीब 10 हजार पद भरे जा रहे हैं।

इसमें आपदा के चलते समय लग रहा है। लेकिन अगले दो महीनों के भीतर राज्य चयन आयोग का गठन कर भर्ती परीक्षाएं शुरू की जाएंगी। सीएम ने कहा कि अब कोई पेपर लीक नहीं होगा, कोई भर्ती परीक्षा रद्द नहीं होगी। जो भी भर्ती होगी, पारदर्शी तरीके से कंप्यूटर के माध्यम से होगी।

परीक्षा देने के एक हफ्ते के भीतर परिणाम जारी होगा। जिन अभ्यर्थियों का रिजल्ट आठ महीनों या दो साल से लंबित है, उन्हें आयु में भी छूट दी जाएगी ताकि वे भी भर्तियों के लिए आवेदन कर सके।

इससे पहले मुख्यमंत्री  सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गृह जिला हमीरपुर के नादौन में मुख्यमंत्री संबल योजना का शुभारंभ किया। गौना करौर स्थित राज्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से सक्षम जिला हमीरपुर के 120 से ज्यादा दिव्यांग बच्चों को सहायता उपकरण भी वितरित किए गए।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शिक्षकों और बच्चों लिए चार अन्य कार्यक्रम भी लांच किए। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी में दिव्यांग बच्चों को दो प्रतिशत का आरक्षण दिया है। दिव्यांग बच्चों को अब 1 हजार रुपये की राशि मासिक मिलेगी। अगले बजट में इसका प्रावधान करेगी। आने वाले पांच सालों में सभी गारंटियों को पूरा करेंगे।

हिमाचल को अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा

पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि आपदा में केंद्र से कोई राहत नहीं मिली, लेकिन राज्य सरकार ने सड़कों व पानी की स्कीमों को खोलकर रखा, 75 हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। आपदा से 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

हिमाचल को अपने पैरों पर खड़ा होना पड़ेगा, आत्मनिर्भर होना पड़ेगा। इसके लिए व्यवस्था परिवर्तन करना होगा। कुछ विभागों में यह पहल हो चुकी हैं। पहली बार लोक निर्माण विभाग व आईपीएच में विकास कार्यों के टेंडर 60 दिन के बजाय 20 दिन में जारी हो रहे हैं।

पहली बार है कि आपदा में लोक निर्माण विभाग में तीन दिन के भीतर टेंडर लगाकर सड़कें खुलवाई गईं। हमारी सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करेगी।

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