शिमला : सेब के पेड़ों की कटाई व बेदखली पर भड़के किसान-बागवान, सचिवालय का घेराव कर प्रदर्शन

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शिमला – नितिश पठानियां 

हिमाचल प्रदेश में किसानों और बागवानों को सरकारी भूमि से बेदखल करने के विरोध में सोमवार को राजधानी शिमला में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ।

हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ के बैनर तले हजारों किसानों व बागवानों ने सचिवालय का घेराव करते हुए टॉलैंड से सचिवालय तक रैली निकाली।

प्रदर्शन के दौरान किसानों की पुलिस के साथ धक्का मुक्की हुई, बेरिकेड्स तोड़े गए और सड़क पर लंबा जाम लग गया। किसानों की प्रमुख मांग है कि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों की आड़ में चल रही जबरन बेदखली की कार्रवाई पर रोक लगाए और सेब के पेड़ों की कटाई बंद करवाए।

किसान नेता और पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि “यह सरकार अपंग साबित हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही दो मामलों में बेदखली को अवैध करार दिया है, बावजूद इसके कार्रवाई जारी है। अगर सरकार ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो जेलों में जगह कम पड़ जाएगी।”

सिंघा ने आरोप लगाया कि 1980 के बाद से जितनी भी सरकारें बनीं, उन्होंने किसानों की जमीनों की सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई।

उन्होंने बताया कि सरकार ने 1952 की अधिसूचना के तहत पूरी भूमि को वन भूमि घोषित कर दिया, जिससे आज हजारों किसान उजड़ने की कगार पर हैं।

किसानों की प्रमुख मांगों में भूमिहीनों को 5 बीघा तक जमीन का मालिकाना हक देने और हाईकोर्ट के आदेशों की आड़ में हो रही बेदखली पर रोक लगाना शामिल है।

किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला, तो यह आंदोलन और उग्र होगा।

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