सिरमौर – नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जनपद से एक बेहद मार्मिक और झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। कालाअंब थाना क्षेत्र के अंतर्गत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सैनवाला में पढ़ने वाली दसवीं कक्षा की छात्रा ने मंगलवार शाम को स्कूल ड्रेस में ही अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक छात्रा की उम्र 15 वर्ष बताई जा रही है।
घटना की प्रारंभिक जानकारी के अनुसार छात्रा कटोला डुंगा खाला गांव की रहने वाली थी। रोज की तरह मंगलवार को भी वह स्कूल गई थी, लेकिन लौटते समय उसने सामान्य दिनचर्या से हटकर बस से न आकर पैदल ही घर का रास्ता लिया।
जब वह घर पहुंची तो उसकी मां ने सोचा कि वह कपड़े बदलने के लिए कमरे में गई है। कुछ देर बाद जब वह बाहर नहीं निकली तो मां ने उसे आवाज दी, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला।
परिजनों ने जब कमरे का दरवाजा खोला तो उनके होश उड़ गए। लड़की ने स्कूल की वर्दी में ही फांसी का फंदा लगाया हुआ था। यह दृश्य इतना भयावह और दर्दनाक था कि परिवार के सदस्य सदमे में आ गए।
घटना की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। पड़ोसी और रिश्तेदार मौके पर पहुंचे तो गांव में मातम छा गया। देर रात शव को मेडिकल कॉलेज नाहन लाया गया, जहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की जा रही है। शव को परिजनों को आज सौंपे जाने की संभावना है।
मृतका छात्रा के परिजनों ने स्कूल में गणित शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि स्कूल में छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
मंगलवार को कथित रूप से गणित की शिक्षिका ने छात्रा को पूरी कक्षा के विद्यार्थियों के सामने अपमानित किया, डांटा और थप्पड़ भी मारे। माना जा रहा है कि इससे वह बेहद टूट चुकी थी और अंदर ही अंदर घुट रही थी।
परिजनों का आरोप है कि वह स्कूल में ही आत्महत्या करने का मन बना चुकी थी, घर लौटकर उसने खौफनाक कदम उठा लिया। मृतक छात्रा की शिनाख्त नैना देवी पुत्री जोगिंदर सिंह के रूप में हुई है।
पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच जारी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा ने बताया कि छात्रा के पिता के बयान के आधार पर आरोपी शिक्षिका निर्मला के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और रिपोर्ट आने के बाद अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एएसपी ने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उधर पता चला है कि आरोपी शिक्षिका फिलहाल छुट्टी पर चली गई है,जिसे पुलिस पूछताछ के लिए शीघ्र ही तलब कर सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली पर प्रश्न
इस दर्दनाक घटना ने समाज और शिक्षा व्यवस्था दोनों के सामने गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। छात्रों पर पढ़ाई का दबाव, सामाजिक अपेक्षाएं और शिक्षकों का अनुशासन के नाम पर किया जाने वाला मानसिक दमन इन सभी बातों का असर अब बच्चों की जिंदगी पर पड़ता साफ नजर आ रहा है।
स्कूलों में काउंसलिंग की प्रभावी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि छात्र अपनी समस्याएं खुलकर बता सकें। शिक्षकों को संवेदनशीलता के साथ विद्यार्थियों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए ताकि वे डर के बजाय सम्मान और विश्वास का रिश्ता महसूस करें।