शाहपुर – नितिश पठानियां
शाहपुर के ज्योतिषी आचार्य अमित कुमार शर्मा ने बताया कि 13 जनवरी को मनाए जाने वाले लोहड़ी पर्व के दिन दुर्लभ भद्रावास योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इस दिन भद्रावास योग शाम 4:26 बजे तक रहेगा। मान्यता है कि इन योगों में अग्नि देव की पूजा करने से अन्न और धन में वृद्धि होती है। साथ ही इस दिन आद्र्रा और पुनर्वसु नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है।
लोहड़ी की कथा
लोहड़ी के पर्व से संबंधित एक पौराणिक कथा प्रसिद्ध है। लोहड़ी के दिन गाए जाने वाले लोकगीतों में दुल्ला भट्टी के नाम का जिक्र किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि एक बार पंजाब में मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में दुल्ला भट्टी नाम का लुटेरा रहता था। वह अमीर लोगों से धन लूटकर गरीबों में बांट देता था।
उसका एक अभियान और था कि गरीब हिंदू, सिख लड़कियों के विवाह में मदद करना, जिनके ऊपर शाही ज़मीदारों तथा शासकों की बुरी नजऱ होती थी, जिन्हें अगवा करके लोग गुलाम बनाकर दासों के बाजार में बेच दिया जाता था। ऐसी लड़कियों के लिए दुल्ला भट्टी वर ढूंढता था और उनका कन्यादान करता था।
एक दिन दुल्ला भट्टी को सुंदरी और मुंदरी नाम की दो गरीब और रूपवान बहनों के बारे में पता चला, जिन्हें ज़मीदार अगवा कर अपने साथ ले आया। ऐसी स्थिति में दुल्ला ने उनके लिए वर ढूंढे और लोहड़ी के दिन जंगल में लकड़ी इक_ा करके अग्नि के चारों और चक्कर काटकर उनका विवाह कराया व कन्यादान किया।
इस घटना के बाद से ही पूरे पंजाब में दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि दी गई। तब से लेकर आज तक पंजाब के नायक को याद करके ‘सुंदर मुंदरिए’ लोकगीत गाया जाता है।
आपको बता दें कि लोहड़ी का त्योहार पौष या माघ के महीने में आता है, जो सामान्यत: जनवरी माह में मनाया जाता है। यह पर्व शरद ऋतु के अंत में आता है और इसके बाद से ही रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े। लोहड़ी की अग्नि में गुड़, तिल, रेवड़ी, गजक आदि डालने के बाद इन्हें अपने परिवार एवं रिश्तेदारों के साथ बांटने की परंपरा है, साथ ही तिल के लड्डू भी बांटे जाते हैं।