शिमला- जसपाल ठाकुर
पाकिस्तान समर्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के गोपनीय दस्तावेज सौंपने के आरोप में हिमाचल काडर के आईपीएस अफसर अरविंद दिग्विजय नेगी को एनआईए ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि शिमला के अतिरिक्त एसपी रह चुके नेगी ने लश्कर-ए-ताइबा के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को गोपनीय दस्तावेज सौंपे थे।
ये ओवर ग्राउंड वर्कर देश भर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लश्कर की मदद करते हैं। एनआईए ने पिछले साल 6 नवंबर 2021 को नेगी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। जांच में पता चला कि एनआईए के कुछ गोपनीय दस्तावेज लीक करने में नेगी की भूमिका अहम थी। इस बीच हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा स्थित नेगी के घर की भी एनआईए ने तलाशी ली है।
वहीं, एनआईए इस मामले में छह लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। गौर हो कि नेगी एनआईए में पूर्व में टॉप इन्वेस्टिगेटर भी रह चुका है। इस विवाद के बीच हाल ही में नेगी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस हिमाचल प्रदेश भेजा गया था। वह प्रदेश में नई नियुक्ति का इंतजार करता रहा।
पिछले हफ्ते ही नेगी को एसडीआरएफ जुन्गा में कमांडेंट लगाया गया था। जहरीली शराब मामले की विशेष जांच टीम में भी नेगी को शामिल किया गया है। सूत्रों के अनुसार एनआईए की टीम दो दिनों से शिमला में डटी थी। इस बीच नेगी से पूछताछ भी चलती रही। एनआईए की टीम शुक्रवार को नेगी को गिरफ्तार कर नई दिल्ली ले गई है।
गिरफ्तारी से हिमाचल पुलिस में हड़कंप
एनआईए के रडार पर होने की वजह से आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी को जयराम सरकार ने भी बड़ी जिम्मेवारी नहीं दी। नेगी की गिरफ्तारी की सूचना सोशल मीडिया पर फैली तो इससे हिमाचल प्रदेश और राज्य के पुलिस महकमे में हड़कंप की स्थिति बन गई। गौर हो कि आरोपों के संबंध में अपना पक्ष रखने के लिए नेगी की पहले ही दो बार एनआईए के सामने पेशी हो चुकी है। जांच एजेंसियां नेगी की संपत्ति की जांच कर रही हैं।