मुख्यमंत्री के डिनर में जंगली मुर्गा, मचा सियासी बवाल, बीजेपी बोली माफी मांगों, सीएम ने कहा- बदनाम करने की साजिश

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शिमला – नितिश पठानियां

हिमाचल प्रदेश में समोसे के बाद अब जंगली मुर्गे को लेकर विवाद हुआ है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के डिनर प्रोग्राम में एक जंगली मुर्गे का मीट परोसने पर बवाल हुआ है। भाजपा ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। उधर, मामले को लेकर अब सीएम सुक्खू ने भी सफाई पेश की है। आइये आपको इस पूरे विवाद के बारे में बताते हैं।

दरअसल, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू बीती रात को शिमला के चौपाल के कुपवी गांव के दौरे पर थे। यहां पर सीएम के डिनर प्रोग्राम के दौरान जंगली मुर्गे का मीट परोसा गया हालांकि, सीएम ने जंगली मुर्गा के मीट को खाया नहीं लेकिन दूसरों को परोसने की बात कहते नजर आए। इसी पर विवाद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। अहम बात है कि सीएम के खान के मेन्यू की लिस्ट भी किसी ने वायरल कर दी।

वीडियो में सीएम कहते हुए नजर आ रहे हैं कि क्या यह जंगली मुर्गा है। साथ ही कहते हैं कि वह मीट पहले खाते थे अब नहीं। वह अपने साथ बैठे मंत्री धनी राम शांडिल से भी पूछते हैं कि वह मीट खाते हैं। वहीं, इस दौरान आसपास बैठे प्रशासनिक अधिकारियों को भी सीएम मीट देने की बात कहते हैं।

भाजपा ने बनाया मुद्दा

भाजपा ने प्रतिबंधित जानवर को परोसने पर इसे मुद्दा बनाया और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने इस पर सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। पूर्व सीएम ने कहा कि जनता के घर द्वार जाकर लोगों की समस्याओं के निस्तारण करने की योजना ‘जनमंच’ के फुलके जिन्हे खल रहे थे वह आज पिकनिक मना रहे हैं। संरक्षित प्रजाति के जंगली मुर्गा को खाने वालों को जेल होती है, जुर्माना होता है लेकिन मुख्यमंत्री महोदय मुर्गा खिलाने का पहले मेन्यू छपवाते हैं और अपने मंत्रियों को चटखारे ले लेकर खिलाते हैं।

उधर, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया विभाग प्रभारी चेतन ब्रागटा ने जंगली मुर्गे प्रकरण पर टिप्पणी करते कहा कि जंगली मुर्गा एक प्रोटेक्टेड कैटेगरी में आता है और मुख्यमंत्री मीडिया के सामने आएं और जनता से माफी मांगें। चेतन ने कहा कि अभी समोसा प्रकरण खत्म नहीं हुआ और जंगली मुर्गे की कहानी चर्चा में आ गया है।

सीएम सुक्खू ने भी किया रिप्लाई

शुक्रवार रात को हुए इस पूरे विवाद पर सीएम सुक्खू ने शनिवार को सफाई पेश की। सीएम ने कहा कि ये देसी जो मुर्गा था, उसे गांव वालों ने बनाया था और मैं तो खाता नहीं हूं। पहाड़ के जीवन में नॉन वेज भोजन का हिस्सा है और जय राम ठाकुर इस पर भी बयान दे रहे हैं।

सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से मैं तेलयुक्त व्यंजन और नॉनवेज दोनों से परहेज़ करता हूँ, लेकिन जयराम जी को कोई मुद्दा नहीं मिला तो उन्होंने हमारे ग्रामवासियों को बदनाम करने का रास्ता चुन लिया। विपक्ष के नेताओं के पास अब कोई मुद्दा नहीं है, बस ग्रामवासियों की छवि खराब करने का काम करते हैं।

सीएम ने कहा कि विपक्ष वाले शब्द ढूंढ कर लाते हैं। सीएम ने कहा कि पहले टॉयलेट टैक्स और फिर समोसा और अब ये मुद्दा बना रहे हैं। सीएम ने कहा कि मैं अगर छींक भी मारूं तो ये लोग गिनते हैं।

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