मानसून की मार…उजड़ गई जिंदगी, तहस-नहस हो गए घर, खाना-पानी कुछ बचा नहीं

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मंडी – अजय सूर्या

आसमान से बरसी आफत के बीच सराज में पेयजल का संकट पैदा हो गया है। साफ पानी न मिल पाने के कारण पूरा क्षेत्र ही जलजनित रोगों के मुहाने पर खड़ा है। क्षेत्र को पानी मुहैया करवाने वाली 121 करोड़ की छड़ी खड्ड पेयजल योजना मलबे में दफन है। इस पेयजल योजना के तहस-नहस होने से सराज की 50 हजार आबादी के समक्ष जल संकट गहरा गया है।

त्रासदी के 11 दिन बाद भी जल शक्ति विभाग लाचार है और बिजली विभाग का फ्यूज उड़ा हुआ है। इस पेयजल योजना की पंपिंग मशीनरी आज भी रेत के ढेर में कैद है। पेयजल योजना का लंबाथाच और रोड़ पंचायत तक फैला नेटवर्क भी ध्वस्त हो गया है। हालांकि बालीचौकी से लेकर बागाचुनौगी की तरफ के नेटवर्क को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। जलशक्ति विभाग अभी तक नुकसवान का सही अनुमान भी नहीं लगा पाया है।

146 पेयजल योजनाएं बंद, बिजली भी बहाल नहीं

सराज में जनजीवन को पटरी पर लाने की जद्दोजहद जरूर हो रही है, लेकिन अभी भी बिजली-पानी की बहाली नहीं हो पाई है। क्षेत्र में त्रासदी के 11 दिन बीत जाने के बाद भी 146 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हुई है। जलशक्ति विभाग का दावा है कि क्षेत्र में 300 हैंडपंप लगाए गए हैं और लोग उनका जल प्रयोग में ला रहे हैं, लेकिन जो तस्वीर उभरी है, उसमें तो आफत प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते समय सीएम भी प्राकृतिक जल स्रोत का ही पानी पीते हुए नजर आ रहे हैं।

पांच ट्रांसफार्मर जमींदोज

छड़ी खड्ड में 121 करोड़ की लागत से बनाई गई पेयजल योजना को संचालित करने के लिए पांच ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए थे। मलबे ने ट्रांसफार्मर को जमींदोज कर दिया है। इनमें से चार 625 केवी के हैं, जबकि एक 450 केवी का है। ऐसे में बिजली बहाल नहीं हो पाई है।

मलबे में छह पंप दफन

121 करोड़ की पेयजल योजना के पंप हाउस में कुल छह पंप लगाए गए हैं। 425 एचपी की क्षमता के इन पंपों से सराज क्षेत्र की कुल 26 पंचायतों को पेयजल मुहैया करवाया जा रहा था। बाढ़ बाद अब इसके संचालन की संभावनाएं शून्य के बराबर ही हैं।

इन क्षेत्रों में गहराया संकट

सराज की 26 पंचायतों में जल संकट गहरा गया है। परसवाड़ा, बाड़ा, कांडा, शरण, थुनाग, शंकर देहरा, जरोल, कुथाह, पांडव शिला, छियूणी, लंबाथाच, पखरैर, कल्हणी सहित लंबाथाच सहित कई क्षेत्र ऐसे हैं,जहां पानी का संकट गहरा गया है। लोग उबाल कर पानी पीने को मजबूर हैं।

जलशक्ति विभाग के बोल

जलशक्ति विभाग के चीफ इंजीनियर उपेंद्र वैद्य कहते हैं कि सराज में पेयजल योजनाओं के संचालन को हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। थुनाग के अधीक्षण अभियंता संदीप कांत शर्मा कहते हैं कि छड़ी खड्ड पेयजल योजना सुरक्षित है। पंपिंग मशीनरी मलबे में दबी पड़ी है।

केलांग से भेजे साहब

सराज को पानी उपलब्ध करवाने के लिए केलांग में तैनात अधीक्षण अभियंता अजय गुप्ता को यहां भेजा किया है। उन्होंने बताया कि छड़ी खड्ड पेयजल योजना को चलाने की संभावनाएं खोजी जा रही हैं। सडक़ न होने के कारण इसे रिस्टोर करने का काम शुरू ही नहीं हो पाया है।

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