फ्रांस की कलाकार गुइला क्लारा से मुलाकात के दौरान बोले धर्मगुरू दलाईलामा
धर्मशाला – राजीव जस्वाल
तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु 14वें दलाई लामा से मकलोडगंज स्थित उनके निवास स्थान पर फ्रांस की शांति राजदूत व यूनेस्को की कलाकार गुइला क्लारा केसौस ने मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु 14वें दलाई लामा ने कहा कि विश्व में महिलाओं की भूमिका का उल्लेख किया।
धर्मगुरु दलाईलामा में कहां कि माँ हमारे जीवन की पहली गुरु, मार्गदर्शिका कहलाती है। आध्यात्मिक नेता ने कहा कि हमारी माँ हमारे बचपन में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हममें से कोई भी अपनी मां के प्यार के बिना जीवित नहीं रह सकता। ऐसा प्रकृति का नियम है।
धर्मगुरू दलाईलामा ने कहा कि यदि अधिक देशों का नेतृत्व महिलाओं द्वारा किया जाता, तो दुनिया शायद अधिक शांतिपूर्ण जगह होती। बता दें गुइला क्लारा केसौस को कला के माध्यम से मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने की उनकी प्रतिबद्धता के प्रकाश में जनवरी 2012 में शांति के लिए यूनेस्को कलाकार नियुक्त किया गया था।
मेहमानों का अभिनंदन
मकलोडगंज स्थित अपने निवास स्थान पर धर्मगुरू दलाईलामा ने इससे पहले पिछले सप्ताह बेनिन, ग्वाटेमाला, मैक्सिको और पेरू के स्वदेशी लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडलों के एक समूह ने पारंपरिक वेशभूषा और संगीत वाद्ययंत्र पारंपरिक अभिनंदन के साथ सम्मानित किया था।
साथ ही लोबट्रोटिंग बुजुर्ग भिक्षु, जो स्वदेशी संस्कृति के संरक्षण के महत्त्व पर बोलते हैं, का स्वदेशी नेताओं द्वारा एक गीत और तिब्बत के लिए स्वतंत्रता मंत्रों के साथ स्वागत किया गया था। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने दलाईलामा मंदिर के प्रांगण में नृत्य करके खुशी व्यक्त की।