मंडी मस्जिद विवाद: गिराना पड़ेगा अवैध निर्माण, नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने सुनाया फैसला

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मंडी – अजय सूर्या

हिमाचल प्रदेश के मंडी में जेल रोड मस्जिद मामले पर नगर निगम के आयुक्त कोर्ट ने शुक्रवार को अंतिम फैसला सुना दिया। एमसी मंडी आयुक्त एचएच राणा ने कहा कि मस्जिद के अवैध ढांचे को 30 दिन के भीतर पुराने स्वरूप में लाना होगा।

आयुक्त कोर्ट ने माना कि मुस्लिम वेलफेयर कम्युनिटी को पर्याप्त समय देने के उपरांत जब अनुकूल परिणाम सामने नहीं आए तो एचपीटीसीपी अधिनियम 31 (1) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए उल्लंघनकर्ताओं को विवादित स्थान को उसके मूलस्वरूप जैसा कि निर्माण से पहले का था, में 30 दिनों के भीतर लाने का आदेश पारित किया गया।

इस दौरान दर्ज वार्तालाप में उल्लंघनकर्ताओं ने उक्त स्थान को उसके पूर्व स्थिति में लाने के लिए अपनी वचनबद्धता दोहराई। साथ ही पूरी प्रक्रिया को अपनाने के लिए पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। ऐसे में मुस्लिम वेलफेयर कम्युनिटी को बिना नक्शा पास करवाए किए अवैध निर्माण ढांचे को गिराना पड़ेगा।
बता दें कि मामले को लेकर उल्लंघनकर्ताओं को गलतियों को सुधारने के लिए अक्तूबर 2023 से अक्तूबर 2024 का पर्याप्त समय दिया गया था। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मुस्लिम वेलफेयर कम्युनिटी की तरफ से प्रधान और दो वकील पेश हुए।
मामले में कब-कब क्या हुआ
  • अक्तूबर 2023 में धनश्याम पुत्र टोडरमल ने निगम को पत्र लिखकर मस्जिद के अवैध निर्माण की जानकारी दी। निगम ने मौके पर पहुंच तथ्यों की जांच की तो पाया कि निर्माण कार्य किया जा रहा है। तब मस्जिद के पदाधिकारियों ने बताया था कि जून-जुलाई में हुई भारी बरसात के कारण मस्जिद का कुछ हिस्सा गिर गया था, जिसे ठीक कर रहे हैं। इस पर निगम ने निर्माण से पूर्व नक्शे की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने लंबे समय तक जमा नहीं करवाया।
  • अक्तूबर 2023 में ही मस्जिद पदाधिकारियों ने संशोधित नक्शा नगर निगम में जमा करवाया। जांच पर उक्त नक्शे में कई कमियां पाई गईं। इस पर निगम के अधिकारियों ने एचपीटीसीपी के तहत नक्शे को पुन: दुरुस्त कर जमा करने के लिए कहा। लेकिन मस्जिद की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।
  • 2024 जून में निगम के अधिकारियों ने मौके पर निरीक्षण किया और पाया कि उक्त स्थान पर अवैध रूप से और बिना सूचना के दो मंजिला भवन का निर्माण कर दिया गया है। इस पर कड़ा संज्ञान लेते नगर निगम ने काम को तत्काल बंद करने का नोटिस जारी किया। लेकिन जब निर्माण कार्य नहीं रोका गया तो निर्माण सामग्री जब्त कर ली।
  • 2024 जुलाई में पुन: मामले की जांच आरंभ कर एक बार फिर भवन को एचपीटीसीपी नियमों के तहत लाने के लिए आदेश निगम ने दिए। इस दौरान भी मस्जिद के पदाधिकारियों ने इस विषय पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। साथ ही अवैध निर्माण को दुरुस्त करने का भी कोई प्रयास नहीं किया था ।
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