शिमला – जसपाल ठाकुर
लगातार रेट बढ़ा रहीं सीमेंट कंपनियों पर हिमाचल सरकार ने रुख सख्त कर लिया है और इन कंपनियों में बरती जा रही अनियमितताओं के खिलाफ छापेमारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने इन कंपनियों को हाल ही में की गई बढ़ोतरी को वापस लेने को कहा था, लेकिन सीमेंट कंपनियां अभी और रेट बढ़ाने जा रही हैं।
अंदेशा है कि प्रति बैग 30 रुपए की वृद्धि के बाद 20 रुपए प्रति बैग और रेट बढ़ सकते हैं। इसी आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने सीमेंट कंपनियों पर शिकंजा कस दिया है। न केवल उद्योग विभाग, बल्कि आबकारी एवं कराधान, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और श्रम विभाग से भी छापे मारने के निर्देश हुए हैं।
खनन विभाग की तरफ से गुरुवार को ही छापेमारी शुरू हो गई है। उद्योग विभाग ने माइनिंग विंग की ओर से अभी तक तीन कंपनियों को नोटिस दिए हैं। इनमें अल्ट्राटेक सीमेंट, अंबुजा और एसीसी का नाम शामिल हैं। ये नोटिस माइनिंग एक्ट के तहत निदेशक उद्योग की तरफ से दिए गए हैं।
इसके अलावा अंबुजा सीमेंट को एमओयू के अनुसार 50 फीसदी क्लिंकर की ग्राइंडिंग हिमाचल में न करने की शिकायत के तहत अलग से नोटिस दिया गया है। इस नोटिस में कहा गया है कि कंपनी इस प्रावधान का पालन न कर हिमाचल का न सिर्फ राजस्व नुकसान कर रही है, बल्कि रोजगार का भी लांच हो रहा है।
उद्योग विभाग के अलावा अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आबकारी एवं कराधान विभाग और श्रम विभाग के अधिकारी भी सीमेंट प्लांट का दौरा करेंगे। अपने हिसाब से जरूरी कार्यवाही की जाएगी। दूसरी ओर सीमेंट कंपनियां राज्य सरकार को यह तर्क दे रही हंै कि बाजार में हर चीज में महंगाई है।
डीजल से लेकर सरिया तक सब कुछ बढ़ा है। पिछले लंबे समय से सीमेंट के रेट नहीं बढ़े थे और हिमाचल में हुई रेट में वृद्धि पड़ोसी राज्यों से कम है, लेकिन चुनावी वर्ष में राज्य सरकार यह तर्क सुनने को तैयार नहीं है और डीकंट्रोल आइटम होने के बावजूद सीमेंट की रेट कंट्रोल करना चाहती है। (एचडीएम)
कंपनियों की हेकड़ी, बढ़ाएंगे दाम
हिमाचल सरकार इस कार्रवाई से सीमेंट कंपनियों पर रेट घटाने का दबाव बना रही है, लेकिन इस दबाव का असर होना तो दूर, उल्टे सीमेंट कंपनियां दाम बढ़ाने जा रही हैं। अंदेशा है कि हाल ही की प्रति बैग 30 रुपए की वृद्धि के बाद कंपनियां सीेमेंट के दाम 20 रुपए प्रति बैग और बढ़ा सकती हैं। सीमेंट कंपनियों का तर्क है कि पिछले लंबे समय से सीमेंट के रेट नहीं बढ़े थे और हिमाचल में हुई रेट में वृद्धि पड़ोसी राज्यों से कम है।