बुरांस की माला व कुलदेवता की पूजा से सजी बीशू की साजी, बेटियों के घर त्योहार भेजने की परंपरा जीवंत

--Advertisement--

हिमखबर डेस्क 

तीन दिवसीय बैसाखी अर्थात बीशू की साजी का पावन पर्व क्योंथल क्षेत्र में परंपरागत ढंग से मनाया गया। इस त्यौहार पर आटे के बकरे बनाने के परंपरा बदलते परिवेश में भी कायम है।

बीशू पर्व वर्ष का पहला त्यौहार माना जाता है लोग इस त्यौहार को विभिन्न प्रकार के पहाड़ी व्यंजन बनाकर मनाते हैं। बैशाख की सक्रांति को लोग अपने कुलईष्ट की पूजा करके वर्ष भर की सुख समृद्धि की कामना करते हैं।

वरिष्ठ नागरिक दयाराम वर्मा और प्रीतम सिंह ठाकुर ने बताया कि कालांतर से इस पर्व को हर वर्ष नववर्ष के आगमन के रूप में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता रहा है।

यह त्यौहार सक्रांति से दो दिन पहले आरंभ हो जाता है। जिसमें पहले दिन की रात्रि को सिडडू बनाए जाते है। इसी प्रकार अगले दिन आटे के मीठे बकरे और रात्रि को अस्कलियां बनाने की परंपरा है।

संक्रांति के दिन लोगों द्वारा अपने घरों में पटांडे और खीर बनाई जाती है। इसके अतिरिक्त घर के बाहर बुरांस के फूलों की माला लगाते है, जिसे इस पर्व पर बांधना बहुत शुभ माना जाता है।

बीशू की साजी को लोगों द्वारा अपने कुलदेवता के मंदिर में विशेष पूजा पर हाजरी भरते है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में वर्ष में पड़ने वाली चार बड़ी साजी का विशेष महत्व है।

जिनमें बैशाख संक्राति, श्रावण मास की हरियाली संक्राति, दीपावली और मकर संक्राति शामिल हैं। इस दिन लोग अपने कुलदेवता के मंदिर में जाकर विशेष रूप से हाजरी भरते हैं।

प्रदेश के जाने-माने साहित्यकार शेरजंग चौहान ने बताया कि बैशाख की सक्रांति आने से पहले लोग अपनी विवाहित बेटियों व बहनों को उनके घर जाकर त्यौहार देने की विशेष परंपरा आज भी कायम है, जिसका बेटियां बड़ी बेसब्री से इंतजार करती है।

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

रेड क्रॉस शिविर में 69 लोगों ने किया रक्तदान

मंडी, 16 अक्तूबर - हिमखबर डेस्क  ंरेड क्रॉस सोसाइटी मंडी...

आपात परिस्थितियों में सीपीआर से बचाई जा सकती है किसी की जान

भोरंज के मिनी सचिवालय में सीपीआर पर आयोजित किया...

आंगनबाड़ी सहायिकाओं के साक्षात्कार 28 से 30 अक्तूबर को रैत में होंगे आयोजित

शाहपुर, कांगडा व धर्मशाला उपमंडल की कुछ पंचायतों के...