शिमला-जसपाल ठाकुर
हिमाचल में टैट परीक्षा को आजीवन मान्यता मिल गई है। कैबिनेट में लिए गए फैसले के बाद सोमवार को शिक्षा विभाग ने लिखित आदेश जारी कर दिए। प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी हुए आदेशों में कहा गया है कि अब अभ्यार्थिंयों को हर सात साल बाद टेट परीक्षा नहीं देनी होगी। राष्ट्रीय शिक्षा परिषद की टेट को लेकर आयोजित अधिसूचना अब प्रदेश में भी लागू हो जाएगी। सरकार ने टेट पास अभ्यार्थियों को बड़ी राहत दी है।
शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के परिणाम को उम्र भर के लिए मान्य कर दिया गया है। राज्य में अगस्त 2011 के बाद टेट पास करने वाले युवाओं को इसका लाभ मिलेगा। प्रदेश के लाखों अभ्यर्थी इस फैसले से लाभान्वित होंगे। अभी तक टेट पास करने पर उम्मीदवार सात वर्ष तक नौकरी के लिए पात्र होता था। अब केंद्र और राज्य एनसीटीई नियमों से टेट करवाते हैं।
केंद्र सरकार के लिए सीबीएसई और राज्य अपनी परीक्षा खुद करवाते हैं। टेट उम्र भर के लिए मान्य करने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने बीते दिनों राज्यों को लिखित निर्देश जारी किए थे। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने इसे लागू कर दिया है।
परीक्षा में भी बदलाव करेगा हिमाचल
टेट में भी बदलाव के लिए सरकार के स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। नए प्रस्ताव में टेट की दो परीक्षाएं लेने की तैयारी है। पहली परीक्षा प्रदेश से संबंधित जानकारियों, सामान्य ज्ञान और बीएड की पढ़ाई पर आधारित होगी। दूसरी परीक्षा सिलेबस से संबंधित होगी। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर में की गई विषय को शामिल किया जाएगा। प्रदेश में शिक्षा पात्रता परीक्षा का जिम्मा अभी राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड को सौंपा गया है।
सभी श्रेणियों को अनिवार्य होगा टेट
प्रदेश में शिक्षक बनने के लिए सभी श्रेणियों का टेट पास होना इसी वर्ष से अनिवार्य कर दिया जाएगा। अभी जेबीटी व टीजीटी के लिए ही शिक्षक पात्रता परीक्षा का पास होना जरूरी है। प्रवक्ता, डीपीई सहित कई अन्य श्रेणियों को भी टेट के दायरे में लाने की सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश में नई व्यवस्था लागू करने के लिए शिक्षा विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसे जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।