कुल्लू – हिमखबर डेस्क
बरसात की पहली बौछार ने ही बंजार विधानसभा क्षेत्र की दुर्दशा उजागर कर दी है। पिछले एक हफ्ते में क्षेत्र ने बाढ़ और भूस्खलन की भीषण मार झेली है। रोज़ाना सड़कों के बंद होने की खबरें आम हो चुकी हैं।
आज मंगलौर पुल धंसने की कगार पर है, वहीं फागू पुल की मजबूती पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। मुख्य सड़क मार्ग की दुर्गति बताती है कि अन्य मार्गों पर क्या स्थिति है। सेब सीजन में इस सड़क की महत्वता और भी ज़्यादा बढ़ जाती है, पर सरकार व विभाग आंखे मूंदे सो रहा है।
विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कहा है की सरकार को बंजार के मुख्य सड़क मार्ग पर यातायात बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम त्वरित प्रभाव से उठाने चाहिए।
उन्होंने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि जनजीवन अस्त-व्यस्त है, लोग संकट में हैं और प्रशासन, सरकार और सत्तासीन नेता इस समय अक्तूबर में होने वाले दशहरे की बैठकों के आयोजन में व्यस्त हैं।
ऐसे समय में जब गांव-गांव में राहत व बचाव कार्यों की ज़रूरत है, तब सत्ता पक्ष के लोगों की प्राथमिकता इस सरकार की संवेदनशीलता को उजागर कर रही है।
क्या जनता की पीड़ा अब सिर्फ त्योहारों के बाद ही सुनी जाएगी? क्या पुल गिरें, रास्ते बंद हों और लोग खतरे में जान गंवाएं, तब भी सरकार जश्न की योजना बनाएगी?
1 जुलाई को आयोजित होने वाली बैठक अब 2 जुलाई को आयोजित की जा रही व अधिकारियों को अनावश्यक कार्यों में लगाया जा रहा है। यह रवैया न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि शर्मनाक भी है।
बंजार विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुरेंद्र शौरी ने सरकार से मांग की है कि वह तात्कालिक प्रभाव से आपदा प्रबंधन के लिए विशेष टीमों का गठन करें। इंजीनियरिंग निरीक्षणों की निगरानी सुनिश्चित करें और राहत कार्यों के लिए पर्याप्त संसाधन तुरंत मुहैया कराए।
बंजार की जनता बरसात में बदहाली से पहले सुरक्षा और संवेदना और एक ठोस योजना चाहती है, शोभायात्रा नहीं।