शिमला- जसपाल ठाकुर
पंचायतों में कोविड संक्रमण के कारण ग्राम सभाओं पर लगाई गई रोक हटा दी गई है। पंचायती राज विभाग द्वारा ग्रामसभाओं पर रोक हटाने को लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। ग्रामसभाओं पर रोक हटने के कारण हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बढ़ी राहत मिली है।
कोविड के कारण के कारण सरकार ने पंचायतों में ग्राम सभाओं के आयोजनों पर रोक लगाई थी। कोविड संक्रमण थमने के बाद प्रदेश में सरकार ने सभी तरह की बंदिशों का हटा दिया था, लेकिन ग्राम पंचायतों पर लगी रोक हटाना सरकार भूल गई थी।
ऐसे में अब इस बारे में सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिए गए है कि पंचायतों में ग्राम सभाओं का आयोजन हो सकेगा। गौरतलब है कि कोविड की तीसरी लहर में तेजी से बढ़ रहे कोविड संक्रमण को देखते हुए प्रदेश की पंचायतों में ग्राम सभाओं के आयोजनों पर रोक लगा दी गई थी।
इस संबंध में पंचायती राज विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई थी। हिमाचल प्रदश्ेा में कोविड संक्रमण अब काफी हद तक कम हो गया है। कोविड संक्रमण कम होने के बाद सरकार ने प्रदेश में लागू कोरोना बंदिशों को भी समाप्त कर दिया है।
सरकार ने प्रदेश में लगाए गए नाइट कफ्र्यू हटाने के साथ शादियों एवं समारोह के आयोजनों के लिए अधिकतम 500 व्यक्ति के शामिल होने की शर्त तय की है। जिम व कोचिंग संस्थानों को कोविड प्रोटोकॉल के साथ खोल दिया गया हैं। इसके अलावा कोविड संक्रमण के कारण बंद किए गए स्कूलों को भी खोल दिया गया है।
बताया जा रहा है कि ग्राम सभाओं के आयोजनों पर रोक के कारण पंचायतों में बीपीएल कार्ड बनाने की प्रक्रिया, मनरेगा का शेल्फ पास करने प्रक्रिया, इंदिरा आवास व राजीव गांधी आवास योजना के तहत पक्के मकानों के लिए पात्र लोगों का चयन, अन्य विकास कार्य के शैल्फ, आय और व्यय का अनुमोदन, परिवार रजिस्टर में नाम दर्ज करवाना व कटवाना जैसे काम नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में अब लोगों की दिक्कतें जल्द हल होने की उम्मीद है।
केवल शर्मा, अतिरिक्त निदेशक, पंचायती राज विभाग के बोल
पंचायतों में ग्राम सभाओं के आयोजनों पर लगी रोक को हटा दिया गया है। इस बारे में पंचायती राज विभाग की ओर से ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं।
स्टाफ मांग रहीं नई पंचायतें
हिमालच प्रदेश में बनी 389 पंचायतों में अभी तक सरकार की ओर से स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। पंचायती राज विभाग के अधिकारियों कहना है कि अभी तक इन पंचायतों के लिए सरकार की ओर से पद सृजित नहीं किए गए हैं। हालांकि विभाग ने वित्त विभाग को प्रोपोजल भेजा हैं, लेकिन वित्त विभाग की ओर से अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में करीब एक साल का समय होने के बाद भी नई पंचायतों में स्टाफ नहीं है। डेपुटेशन पर पंचायतों में काम चल रहा है।