पेपर लीक अब होगा गैर जमानती अपराध, दोषी व्यक्ति को पांच साल तक कैद, 10 लाख तक हो सकता है जुर्माना

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दोषी व्यक्ति को पांच साल तक कैद और 10 लाख रुपए तक हो सकता है जुर्माना।

शिमला – नितिश पठानियां 

हिमाचल में पेपर लीक जैसा अपराध अब गैर जमानती श्रेणी में आ गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बारे में एक नया विधेयक सदन में रखा, जिसे कल विधानसभा में पारित किया जाएगा।

इसमें पहली बार यह प्रावधान किया जा रहा है कि पेपर लीक जैसे अपराध के लिए पांच साल तक की जेल और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

यदि सर्विस प्रोवाइडर इसमें दोषी पाया गया, तो एक करोड़ तक जुर्माना लगेगा और चार साल के लिए उस सर्विस प्रोवाइडर को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। संगठित अपराध की सूरत में पांच साल तक कारावास का प्रावधान है।

साथ में एक करोड रुपए का आर्थिक दंड भी दिया जा सकता है। इस तरह के मामलों की जांच के लिए डीएसपी के स्तर से नीचे का अधिकारी जांच नहीं करेगा।

इस कानून में यह प्रावधान किया जा रहा है कि लोक सेवा आयोग और राज्य चयन आयोग से होने वाली भर्तियां इसके दायरे में होंगी।

इस अपराध की श्रेणी में क्वेश्चन पेपर या आंसरशीट लीक करना, दूसरों के साथ साझा करना, आंसर शीट अपने कब्जे में लेना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ करना इत्यादि शामिल है।

गोपनीय सूचनाओं को लीक करना भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा विधानसभा में दो और विधेयक रखे गए।

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अनुपस्थिति में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने रजिस्ट्रीकरण विधेयक सदन में रखा, जिसमें राजस्व सेवाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सर्टेन गुड्स केरियर रोड टैक्सेशन में बदलाव के लिए भी एक बिल रखा है।

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