हिमखबर डेस्क
पुष्पा फिल्म तो सभी ने देखी है। फिल्म में अल्लू अर्जुन चंदन की तस्करी कर रातों-रात अमीर बन जाता है, लेकिन यह सब गैरकानूनी है और फिल्मी है।
हकीकत में भी ऐसा हो सकता है। एक ऐसे पेड़ की खेती आपको लखपति बना सकती है। खास यह है कि इसे उगाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी, बस कुछ सालों का इंतजार करना पड़ता है।
हमारे आसपास कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जो हमारे वातावरण को तो शुद्ध करते ही हैं, लेकिन साथ ही इनका उपयोग दवाईयां बनाने के लिए भी किया जाता है।
साथ ही इनकी लकड़ी भी महंगी बिकती है। इन पेड़ों में से एक है सफेदे का पेड़, जो आपको हिमाचल में काफी संख्या में मिल जाएंगे।
सफेदा को यूकेलिप्टस और नीलगिरी भी कहा जाता है। इसकी खेती किसी को भी माला माल कर सकती है। सफेदा एक तेजी से बढऩे वाला सदाबहार वृक्ष है, जिसकी पत्तियों से निकलने वाली सुगंध इसे विशेष बनाती है।
इसकी उत्पत्ति यूं तो ऑस्ट्रेलिया से मानी जाती है, लेकिन अब यह भारत सहित दुनियाभर के कई क्षेत्रों में उगाया जाता है। हिमाचल में भी खूब सफेदा आपको देखने में मिलेगा।
कई जगह पर वन विभाग, तो कई जगह किसान इसकी व्यावसायिक खेती भी करते हैं। तेजी से बढऩे के साथ ही सफेदा जलवायु की विविध स्थितियों को भी सहन कर सकता है। सफेदा की लकड़ी से लेकर पत्ते तक का इस्तेमाल किया जाता है।
बिमारियां दूर भगाए
सफेदा की लकड़ी बहुत ही उपयोगी होती है, इसका इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड, फर्नीचर और पार्टिकल बोर्ड इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है। इसकी लकड़ी को पल्प बनाकर कागज उद्योग में प्रयोग किया जाता है।
सफेदा की पत्तियों से निकलने वाला तेल सांस की बीमारियों जैसे अस्थमा, सर्दी, खांसी और ब्रोंकाइटिस के इलाज में उपयोग होता है। यह भी कहा जाता है कि सफेदे के तेल की मालिश गठिया और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में सहायक होती है।
चोट, सूजन या मोच में भी इसका तेल फायदेमंद माना जाता है। यह तेल एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसकी पत्तियों की खुशबू और तेल मच्छरों को दूर भगाते हैं। इसलिए इसका प्रयोग प्राकृतिक मच्छर-रोधी दवाओं में होता है।
इसके अलावा इसकी पत्तियां वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करती हैं और हवा को शुद्ध बनाती हैं। यहीं नहीं सफेदा का उपयोग अपच, गैस और पेट दर्द में किया जाता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और भूख बढ़ाने में मदद करता है।
50 से 60 लाख तक की कमाई
सफेदा की खेती कर किसान कम समय में अधिक लाभ कमाने के लिए कर सकते हैं, क्योंकि यह 8-10 वर्षों में कटाई योग्य हो जाता है। इसकी खेती में लागत भी कम लगती है।
एक हेक्टेयर के खेत में तकऱीबन एक से डेढ़ हज़ार पेड़ों को लगाया जा सकता है। पेड़ तैयार होने के बाद इन लकडिय़ों को बेच किसान आराम से 50 से 60 लाख तक की आमदनी आसानी से कमाई जा सकती है।