चम्बा- भूषण गुरुंग
एन.एच.एम. के कर्मचारियों ने मांगें मनवाने के लिए आंदोलन तेज कर दिया है। ये कर्मचारी बुधवार से सांकेतिक हड़ताल करेंगे। राज्य स्वास्थ्य समिति (एन.एच.एम.) अनुबंध कर्मचारी संघ चम्बा इकाई के अध्य्क्ष नरेंद्र कुमार ने बताया की हिमाचल प्रदेश राज्य स्वास्थ्य समिति अनुबंध संघ के कर्मचारियों ने हिमाचल प्रदेश सरकार को 26 जनवरी तक रेगुलर स्केल की मांग को पूरी करने का अल्टीमेटम दिया था। इसमें स्थाई नीति बनाने की अधिसूचना जारी करने की मांग रखी गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा उनकी इस मांग को लेकर कोई भी घोषणा नहीं की गई।
इसके चलते नाराज कर्मचारियों ने 27 जनवरी से काले बिल्ले लगा कर काम किया। अब 2 फरवरी से कर्मचारी सांकेतिक हड़ताल शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 1700 कर्मचारी हैं जो की विभिन्न स्वास्थ्य समितियों के तहत पिछले 23 वर्षों (1998) से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन हिमाचल सरकार द्वारा न तो इन कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जा सका न ही रेगुलर पे स्केल का लाभ दिया जा रहा है।
इससे कर्मचारियों में खासा रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में कार्यरत एन.एच.एम. के कर्मचारियों को 1 जनवरी 2018 से रेगुलर पे स्केल का लाभ दिया जा रहा है। वहीं दूसरी और एन.एच.एम. के कर्मचारी पिछले लगभग दो वर्षों से विभिन्न पदों पर कोरोना काल में अपनी सेवाएं पूरी निष्ठां भावना से देते आ रहे हैं और कई कर्मचारी कोरोना से भी संक्रमित हो रहे हैं।
नरेंद्र कुमार ने कहा कि हरियाणा, मणिपुर , छत्तीसगढ़, मिजोरम, आन्ध्र प्रदेश , राजस्थान की सरकारें पहले ही स्थाई पॉलिसी बना चुकी है। हिमाचल सरकार ने मार्च 2016 में अधिसूचना जारी की थी, लेकिन आई.जी.एम.सी. शिमला व मैडीकल कालेज टांडा के कर्मचारियों को ही अब तक लाभ मिला है अन्य एन.एच.एम. कर्मचारियों से भेदभाव है। उन्होंने सरकार से मांगें पूरी करने की अपील की है।