शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज शिमला में मुख्यमंत्री से भेंट की और पिछले दो वर्षों में उनके मानदेय में दो गुना वृद्धि करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी विभिन्न मांगें भी रखीं, जिन पर सीएम ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन भी दिया।
हिमाचल प्रदेश पंचायतराज महासंघ की महामंत्री एवं ग्राम पंचायत प्रधान शशि जिंटा का कहना है कि ‘पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिले। हमारी मुख्य मांग वेंडर को लेकर थी। आज तक विकासकार्यों करवाने के लिए पंचायतों के माध्यम से कोटेशन प्राप्त होती थी, जिसमें सबसे कम रेट भरने वाले का नाम ही फाइनल किया जाता था।
पंचायतों में सिर्फ रजिस्टर्ड कोटेशन ही आती थीं, जिसमें प्रधान की कोई मर्जी नहीं चलती थी। अब नई गाइडलाइन के मुताबिक ब्लॉक में BDO ही कोटेशन को फाइनल करेंगे। ऐसे में इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से मिले थे। शशि जिंटा ने कहा कि ‘पंचायतों में मनरेगा के 20 कार्यों की कंडीशन को लेकर भी मुख्यमंत्री से बात हुई है। मुख्यमंत्री से तीसरी मांग पंचायतों के एम फॉर्म को लेकर रखी गई।
इसके अलावा हिमाचल में पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल के एक्सटेंशन का मामला भी मुख्यमंत्री के सामने रखा गया है क्योंकि कोरोना में हम काम नहीं कर पाए, इसलिए हो सके तो उत्तराखंड की तर्ज पर सरकार हमारा कार्याकाल बढ़ा दे। मुख्यमंत्री ने इन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया है।
वहीं, विधायक को भी पेंशन होती है तो हमें क्यों नहीं? हमें भी सम्मान निधि मिलनी चाहिए, क्योंकि ग्राउंड स्तर पर प्रधान ही काम करता है, भले हमें 500 रुपये ही मिलें।