नूरपुर- देवांश राजपूत
नूरपुर शहर की दिनेश कुमारी को महाराज संसार चंद अकादमी शिखर सम्मान से नवाजा गया है। यह सम्मान उन्हें कला संस्कृति भाषा अकादमी की शिखर कला सम्मान योजना के तहत ललित कला के क्षेत्र में चंबा रुमाल में आजीवन एवं उत्कृष्ठ योगदान और विशेष उपलब्धियों के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया है।
दिनेश कुमारी को सम्मान मिलने पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय महाजन ने दिनेश को घर पहुंच कर सम्मानित किया तथा कहा कि दिनेश ने क्षेत्र का नाम प्रदेश स्तर पर रोशन किया है। महाजन ने सरकार से मांग की है कि इस कला का प्रचार-प्रसार किया जाए तांकि रोजगार के साधन पैदा हो सकें।
गौरतलब है कि दिनेश कुमारी 1977 से चंबा रुमाल की शिल्पकार है। दिनेश कुमारी का जन्म जिला चंबा में हुआ था तथा उनका विवाह नूरपुर शहर के वार्ड 7 में एस. के.डोगरा के साथ हुआ है। दिनेश में मैट्रिक, कटिंग व एम्ब्रॉइडरी में आई.टी.आई. से दो वर्ष का डिप्लोमा किया है। 2015 में हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी द्वारा आयोजित पहाड़ी लघुचित्र एवं चंबा रुमाल प्रतियोगिता में दिनेश कुमारी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था।
दिनेश कुमारी प्रदेश व प्रदेशों के बाहर कई राज्यों में चंबा रूमालों की प्रदर्शनी लगा चुकी है। राजकीय उच्च पाठशालाओं में क्राफ्ट टीचर के रूप में अपनी सेवाएं देने के बाद दिनेश कुमारी नूरपुर में अकादमी द्वारा संचालित गुरु शिष्य परम्परा योजना के अंतर्गत 5 छात्राओं को चंबा रुमाल का प्रशिक्षण दे चुकी है।
चंबा रुमाल एवं कसीदाकारी की परंपरा को बनाए रखने और पहाड़ी चित्रकला के विषयों को रुमाल पर जीवंत बनाने में दिनेश कुमारी का योगदान प्रमुख रहा है। दिनेश कुमारी को हैंडी क्राफ्ट एवं हैंडलूम विभाग कॉरपरेशन,शिमला द्वारा 1994-95 में राज्य सम्मान, पहाड़ी नृत्य घुरेई के लिए चयनित होने पर इंग्लैंड, स्पेन,फ्रांस में नृत्य प्रस्तुति भी कर चुकी है। 2017 में डा. बी.आर. अंबेदकर नेशनल अवार्ड तथा वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नेशनल मैरिट सर्टिफिकेट अवार्ड 2017 से सम्मानित हुई है।
दिनेश कुमारी का कहना है कि गुरुनानक देव जी की बहन नानकी देवी ने पहला रुमाल बनाया था उसके बाद यह कला प्रसिद्ध हुई। दिनेश ने यह कला अपनी नानी से सीखी थी। उनका मानना है कि यदि सरकार इस कला पर विशेष ध्यान दे तो खास कर महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर खुल सकते है।