नूरपुर – स्वर्ण राणा
कांगड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र नूरपुर में बनाने वाले फिन्ना सिंह सिंचाई प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह परियोजना एक दशक से लटकी थी। 737 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट में प्रदेश सरकार 300 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। अन्य राशि केंद्र सरकार देगी।
हाल ही में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस मामले को मजबूती के साथ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के समक्ष अपना पक्ष रखा था। इसका काम वर्ष 2011 में शुरू हो गया था। बजट की कमी के चलते यह परियोजना लटक गई थी। 50 फीसदी काम हो चुका है।
पहले इस प्रोजेक्ट पर 204 करोड़ रुपये की राशि खर्च होने का अनुमान था, लेकिन इसे विस्तार दिए जाने से अब 737 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च होगी। इस प्रोजेक्ट पर भाजपा और कांग्रेस पार्टी के नेताओं में खूब सियासत होती रही है। विधानसभा में भी कई बार यह मामला गूंजा है।
इस सिंचाई प्रोजेक्ट से नूरपुर के हजारों लोगों को फायदा होगा। पांच हजार हेक्टेयर भूमि पर लोग खेती कर सकेंगे। अभी तक इस क्षेत्र के ज्यादातर किसान खेती के लिए बारिश पर निर्भर हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब यहां बांध बनाए जाने की भी योजना है। इसका भी 35 कार्य पूरा हो चुका है।
इस बांध से 1.88 मेगावाट बिजली बनाना प्रस्तावित है। वहीं, बांध में अतिरिक्त पानी डालने के लिए डायवर्सन वेयर, लिंक नहर, टनल और मुख्य नहर आदि के कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। बांध और सिंचाई वितरण के लिए बन रही नहरों का निर्माण लगभग हो चुका है। बड़ा बांध बनाए जाने के चलते इस महत्वाकांक्षी सिंचाई प्रोजेक्ट की लागत बढ़ गई है। ऐसे में विभाग ने नई डीपीआर बनाकर स्वीकृति के लिए केंद्रीय जल आयोग के पास भेजी थी।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि परियोजना की अनुमानित लागत 737 करोड़ के करीब है। इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। फिन्ना सिंह सिंचाई प्रोजेक्ट के तहत चक्की खड्ड पर लाहडू के निकट एक बांध बन रहा है। यहां सुरंग से नूरपुर के डन्नी गांव तक पानी पहुंचाया जाना है।
नूरपुर के विभिन्न गांवों के लोगों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जानी है। चक्की खड्ड पर डैम को लेकर कलम खड्ड की डायवर्शन करके मिलाया गया। बांध से आगे करीब 4,317 मीटर लंबी टनल बन चुकी है। उसके आगे करीब 1,750 मीटर लंबी मुख्य नहर बन चुकी है। इसके बाद इस नहर से खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा।
फिन्ना सिंह ने 1977 में दिया था प्रोजेक्ट का विचार
कांगड़ा के विधानसभा क्षेत्र नूरपुर में 1977 में हवलदार फिन्ना सिंह ने सिंचाई प्रोजेक्ट को बनाने के बारे में सोचा था। फिन्ना सिंह नयाड़ी के रहने वाले थे। उनके आसपास के क्षेत्रों में पानी न होने पर उन्होंने ब्रिटिशकाल में म्यांमार में सैन्य सेवाओं के दौरान वहां के अनुभव के आधार पर परियोजना को बनाने का विचार सामने रखा।
इसके बाद प्रदेश में बदली सरकारों व आईपीएच की ओर से कई बार प्रोजेक्ट बनाए गए, लेकिन सिरे नहीं चढ़ पाए। जल शक्ति विभाग ने डीपीआर तैयार कर इसका कार्य शुरू किया था।