शिमला – नितिश पठानियां
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष और राज्य मेंटल हेल्थ अथॉरिटी के सदस्य अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को पत्र लिख कर ठियोग के मतियाना में एक नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में भर्ती युवकों की बुरी तरह पिटाई और यातनाएं देने की उच्च स्तरीय जांच और प्रदेश के सभी पुनर्वास केंद्रों में सुविधाओं के विशेष ऑडिट की मांग की है।
उनका कहना है कि इन केंद्रों में मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है। ये केंद्र नशे में फंसे नौजवानों के परिजनों को लूटने केंद्र बन चुके हैं।
राज्यपाल को भेजे पत्र में अजय श्रीवास्तव ने बताया कि मतियाना के पुनर्वास केंद्र से 3 मार्च की शाम को 17 युवक भाग गए थे।
केंद्र के संचालकों ने तुरंत पुलिस में लिखित में शिकायत दर्ज कराने की बजाय उन्हें स्वयं ढूंढा। उनमें से रोहड़ू के युवक सिकंदर ने बताया कि उसे एवं अन्य युवकों को संचालकों ने बुरी तरह पीटा।
मारपीट से उस युवक का दांत टूट गया और एक हाथ की हड्डी टूट गई। उसे लाठी और रॉड मारा गया, जिससे उसके सिर में गंभीर चोटें आईं और पूरे शरीर पर चोट के नीले निशान देखे जा सकते हैं।
उस युवक का आरोप है कि उसके परिजनों को गुमराह किया गया। संदेह होने पर परिजन 9 मार्च को उससे मिलने मिलने गए तो उसकी बुरी हालत देखकर हैरान रह गए। इसके बाद उन्होंने सिकंदर के साथ पुलिस में पुनर्वास केंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
अजय श्रीवास्तव का कहना है कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग नशा निवारण एवं पुनर्वास केंद्रों में संबंधित कानूनों का पालन सुनिश्चित करने में नाकाम है। वहां मानवाधिकारों का बेरोकटोक जारी है।
इसलिए उन्होंने मतियाना के केंद्र की घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच एवं प्रदेश के सभी पुनर्वास केंद्रों में सुविधाओं का विशेष ऑडिट कराने की मांग राज्यपाल से की है। उनका कहना है कि ये केंद्र नशे की लत में फंसे युवाओं के परिजनों से मोटी कमाई का केंद्र बन गए हैं।