करीब डेढ़ लाख क्विंटल धान का उत्पादन करने वाले जिला कांगड़ा में इंदौरा व मंड क्षेत्र के किसानों की मांग और विरोध के बाद अंतत प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को झुकना पड़ा है। इसके तहत शुक्रवार को त्यौड़ा में धान खरीद केंद्र स्थापित हो गया है।
इन्दौरा- शम्मी धीमान
करीब डेढ़ लाख क्विंटल धान का उत्पादन करने वाले जिला कांगड़ा में इंदौरा व मंड क्षेत्र के किसानों की मांग और विरोध के बाद अंतत: प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को झुकना पड़ा है। इसके तहत शुक्रवार को त्यौड़ा में धान खरीद केंद्र स्थापित हो गया है। धान खरीद केंद्र खुलने से क्षेत्र के किसानों में खुशी का माहौल है, लेकिन केंद्र में किसानों के लिए कोई सुविधा न होने से उनमें रोष भी है।
देश का पेट पालने वाले किसान को खरीद केंद्र में न बैठने की जगह मिल रही है और न ही पीने को पानी है। इसके बावजूद शुक्रवार को पहले ही दिन केंद्र में करीब साढ़े 86 क्विंटल धान किसानों ने बेचा है। पहले दिन दो स्लाट में फसल खरीदी गई, जिसमें सुबह 65.5 क्विंटल धान खरीदा गया है, जबकि सांयकालीन सत्र में 21 क्विंटल धान खरीद हुई है।
किसानों ने बताया मंडी में न तो पीने के पानी की उचित व्यवस्था है और न ही किसानों के बैठने के लिए भी उचित प्रबंध किया गया है। इसके अलावा धान की सफाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पंखों का भी प्रबंध नहीं किया गया है। किसानों के अनुसार अभी भी इस मंडी को लेकर काफी अनियमितताएं पाई जा रही हैं। केंद्र में सफाई का भी कोई उचित प्रावधान नहीं है, जबकि फसल के नाम से पैसे लिए जा रहे हैं।