सिरमौर- नरेश कुमार राधे
जिला सिरमौर के महामाया बाला सुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर स्थित सिरमौर संस्कृति संग्रहालय इन दिनों श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। देश के विभिन्न हिस्सों से 15 दिन चलने वाले नवरात्र मेले में आने वाले श्रद्धालु संग्रहालय में पहुंचकर प्रदेश से जुड़ी जानकारी हासिल कर रहे हैं।
इस संग्रहालय को देखने के लिए रोजाना तीन से चार हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इस संग्रहालय में सिरमौर से जुड़ी प्राचीन पारंपरिक धरोहरों को संजोकर रखा गया है। इन धरोहरों में लकड़ी, तांबे व विशेष धातुओं से बने बर्तन, पारंपरिक वेशभूषा, खुदाई में मिली देवी देवताओं की दुर्लभ मूर्तियां व मंदिरों के स्तंभ और अन्य अवशेष, आज़ादी के लड़ाई में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों व आंदोलनकारियों के छाया चित्र समेत अन्य कलाकृतियां लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
प्रदेश के अलावा हरियाणा के कैथल, करनाल, पानीपत, हिसार, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, चंडीगढ़ व उत्तरप्रदेश के बरेली से आए श्रद्धालुओं में मोहित, विशाल, सुदेश, रोहित, दीपक, रश्मि देवी, प्रिंस व शिवम आदि ने बताया कि वह परिवार सहित वर्ष में दो बार नवरात्र के दिनों में त्रिलोकपुर माता के दर्शनों के लिए आते हैं, लेकिन इस संग्रहालय को देखे बिना नहीं जाते।
उन्होंने बताया कि हमें हिमाचल की लोक संस्कृति की जानकारी इस संग्रहालय के माध्यम से मिल रही है। बहरहाल, त्रिलोकपुर में स्थित ये लोक संस्कृति संग्रहालय सिरमौर व प्रदेश की संस्कृति व लोक परंपराओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्यरत है।
संग्रहालय के प्रभारी चंदन शर्मा ने बताया कि कोरोना काल के बाद इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु संग्रहालय देखने पहुंच रहे हैं। विशेषकर बच्चों व युवाओं में संग्रहालय को लेकर ज्यादा उत्सुकता दिखाई दे रही है।
लोक संस्कृति से जुड़े इस संग्रहालय की आधारशिला 23 मार्च 2006 में तत्कालीन जिला उपायुक्त राजेंद्र सिंह नेगी ने एसडीएम व सहायक आयुक्त मनमोहन शर्मा की मौजूदगी में रखी थी। नौ वर्ष के बाद 3 अप्रैल 2015 को भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने इसका लोकार्पण किया था